भुवनेश्वर. मुख्य निर्वाचन अधिकारी सुशील कुमार लोहानी ने उपचुनाव की तैयारियों का जायजा लेने के लिए बालेश्वर और जगतसिंहपुर जिलों का दौरा किया. यहां तीन नवंबर को उपचुनाव के लिए मतदान होने हैं. बालेश्वर में समीक्षा के दौरान लोहानी ने चुनाव प्रक्रिया के सभी चरणों में अधिकारियों द्वारा कोविद-19 प्रोटोकॉल के सख्त पालन पर जोर दिया. बालेश्वर में कोविद सुरक्षित उपचुनावों के लिए आयोग के दिशानिर्देशों के अनुपालन की देखरेख कर रहे स्वास्थ्य के लिए जिला नोडल अधिकारी ने बताया कि आशा कार्यकर्ताओं के काम की निगरानी के लिए पहले से ही सेक्टोरल व्यवस्था है, जो मतदान केंद्र के प्रवेश द्वार पर मतदान के दिन मतदान करने के लिए आने वाले मतदाताओं की थर्मल स्कैनिंग करेंगे. एमओएचएफडब्ल्यू के निर्धारित मानक के अनुसार जिन मतदाताओं के शरीर का तापमान 38 डिग्री सेल्सियस या 100.4 डिग्री फ़ारेनहाइट से अधिक तापमान पाया जाता है, उन्हें दो बार चेक किया जाएगा और यदि मानक तापमान से ऊपर पाया जाता है तो उन्हें पीले कार्ड बतौर इंतजार कार्ड जारी किए जाएंगे. ऐसे मतदाता मतदान के अंतिम घंटे में यानी शाम 5 बजे मतदान के लिए आएंगे और सामान्य मतदान समाप्त होने के बाद मतदान करने की प्रतीक्षा करेंगे. इस दौरान चुनावकर्मी पीपीई किट में रहेंगे, जो उन्हें सुरक्षा के उपाय के रूप में दिया गया है.
मुख्य चुनाव अधिकारी ने एक भ्रम को साफ किया कि जो मतदाता पोस्टल बैलट (पीबी) पेपर के माध्यम से अपना वोट दर्ज करने के बाद पोलिंग स्टेशन पर फिर से मतदान करने की सोच रहे हैं, उन्हें मतदान करने की अनुमति नहीं होगी, क्योंकि पोस्टल बैलट की प्रक्रिया में मतदाता सूची में यह स्पष्ट उल्लेख होता है कि मदताता ने पोस्टल बैलट पेपर के माध्यम को अपने मतदान के लिए चुना है. मतदान के दिन ऐसे मतदाता मतदान बूथ में मतदान नहीं कर सकते. इस दौरान मुख्य चुनाव अधिकारी ने मतदान कर्मियों की तैनाती की व्यवस्था, सुरक्षा आदि व्यवस्थाओं की विस्तार से समीक्षा की. उन्होंने मतगणना केंद्र की व्यवस्था का भी दौरा किया और समीक्षा की. बालेश्वर और तिर्तोल में तीन-तीन मतगणना हाल होंगे. तीन हॉलों में से एक विशेष रूप से पोस्टल बैलट की गणना के लिए होगा. एलईडी स्क्रीन के माध्यम से ईवीएम की गिनती को दिखाये जाने की व्यवस्था होगी, ताकि मतगणना एजेंट मतगणना टेबुल के पास भीड़ न लगा पायें. इस समीक्षा बैठक में जिला के वरिष्ठ अधिकारियों और पर्यवेक्षकों, रिटर्निंग आफिसर, नोडल अधिकारी भी शामिल हुए.