बालेश्वर : यहां होने वाले उपचुनाव के दौरान आज राज्य सरकार को घेरते हुए भुवनेश्वर सासंद तथा भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता अपराजिता षाड़ंगी ने कहा कि बालेश्वर में बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य संरक्षण के प्रति राज्य सरकार की उदासीनता क्यों है? कोरोना जैसे राष्ट्रीय संकट के दौरान मास्क, पीपीई किट और नेब्युलाइजर्स की खरीद में भ्रष्टाचार हुआ, जो मुद्दा आज लोकायुक्त के हाथों में है. हाल ही में विधानसभा में प्रस्तुत एक स्थानीय फंड ऑडिट के आंकड़ों के आधार पर, बालेश्वर कि पंचायतें और नगरपालिकाएं अनुदान सहित अन्य संसाधनों का सदुपयोग नहीं कर पा रही हैं. जो राशि खर्च हुई है, उसका कोई हिसाब नहीं है. इसलिए वे निवेश प्रमाणपत्र जारी करने में असमर्थ हैं. जिला परिषद में 15 करोड़ रुपये, पंचायत समिति में 257 करोड़ रुपये और पंचायतों में 170 करोड़ रुपये खर्च नहीं हो पा रहा है. खर्च किए गए धन में से पंचायत समितियों ने 435 करोड़ रुपये का और पंचायतों ने 24 करोड़ रुपये का हिसाब नहीं दिया है. उल्लेखनीय है कि बीजू जनता दल के कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने विभिन्न कार्यों और आपूर्ति के लिए पंचायत समिति से अग्रिम धनराशि ली है. इसमें से 23 करोड़ रुपये का भुगतान पंचायत समितियों को नहीं किया गया है और 2 करोड़ रुपये पंचायतों से नहीं वसूले गए हैं. पंचायत समितियों में किसी को कितना दिया गया है, इसका कोई वैधानिक रिकॉर्ड नहीं है. हैरानी की बात है कि वार्षिक बजट में बिना बजट के 12 पंचायत समितियां चलती हैं. मई 2013 से एक योजना के लिए कई बैंक खाते जमा करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, लेकिन बालेश्वर सदर पंचायत समिति में आवास योजना के लिए तीन, आंगनबाड़ी के लिए दो, राष्ट्रीय वृद्धावस्था भत्ते के लिए दो, दोपहर के भोजन के लिए दो और विभिन्न समितियों के लिए दो हैं. पंचायत समितियों की जमा राशि से अर्जित 4 लाख रुपये के ब्याज का हिसाब नहीं दिया गया है. रद्द की गई योजनाओं के शेष 35 करोड़ रुपये विभिन्न पंचायत समितियों पर बकाया हैं. इसी तरह बालेश्वर ओडिशा के उन नौ शहरों में से एक है, जिसे प्रधानमंत्री ने शहरी क्षेत्रों के लिए ड्रीम प्रोजेक्ट अमृत योजना में शामिल किया है. पिछले पांच वर्षों में, प्रधानमंत्री ने ओडिशा के लिए अमृत योजना के तहत 75 करोड़ रुपये प्रदान किए हैं. हालांकि, राज्य सरकार के वेपरवाह दृष्टिकोण और बालेश्वर नगरपालिका की अक्षमता के कारण, इस बड़ी राशि से बालेश्वर में कोई भी बड़ी परियोजनाएं लागू नहीं की गई हैं. मुख्यमंत्री द्वारा निर्धारित चार पार्कों में से केवल एक पार्क का आधा काम किया गया है, जबकि अन्य तीन में मुट्ठी भर मिट्टी या पेड़ नहीं हैं. इसी तरह, बुद्धबलंग नदी से शहरवासियों को पानी की आपूर्ति परियोजना को एक प्रारंभिक चरण में रोक दिया गया था. दो वरिष्ठ आईएएस अधिकारी, उद्योग सचिव और ओडिशा स्टेट मेडिकल कॉरपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक, खरीद घोटाले को लेकर लोकायुक्त घोटाले के घेरे में हैं. फिर भी विभागीय मंत्री बालेश्वर उपचुनाव में जनता से झूठे वादे करने में व्यस्त हैं. बालेश्वर की जनता को केंद्र सरकार की सभी योजनाओं का लाभ किस तरह आसानी से मिल पाए, इसलिए उन्होंने आगामी उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार मानस दत्त को भारी मात्रा में वोट देकर जिताने की अपील की है.
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