शैलेश कुमार वर्मा, कटक
गीता ज्ञान मंदिर एवं अग्रवाल महिला समिति ने महाराजा अग्रसेन जी की 5144वीं जयंती बहुत ही हर्षोल्लास एवं का सादगी पूर्ण मनाया. कोविद-19 के लिए सरकार द्वारा जारी सभी नियमों का पालन करते हुए विजय खण्डेलवाल की अध्यक्षता एवं सम्पत्ति मोड़ा के संचालन में यह जयंती आयोजित हुई. कार्यक्रम के आयोजन की पूरी तैयारी स्वदेश अग्रवाल के नेतृत्व में की गयी. इस कार्यक्रम में सम्मानित अतिथि के रूप में कटक के वरिष्ठ समाजसेवी नथमल चनानी एवं कमल सिकारिया मुख्य रूप से मंच पर उपस्थित थे. महाराजा अग्रसेन जी की 5144वें जन्म दिवस 17 अक्टूबर को सुबह कटक तुलसीपुर स्थित गीता ज्ञान मंदिर में झण्डा फहराकर उनकी अमर गाथा गाकर आरती एवं भोग प्रशाद के साथ मनाया गया. गीता ज्ञान मंदिर के निर्माता बाबा बिहारी लालजी ने ही पहली बार कटक में सन् 2002 में महाराजा अग्रसेनजी की मूर्ति की स्थापना की थी, तब से आज तक हर साल महाराजा अग्रसेन जी की जयंती मनाई जा रही है. बाबा बिहारी लालजी ने सन् 1995 में गीता ज्ञान मंदिर का निर्माण किया था.
वें परम ईश्वरीय भक्ति और समाजसेवी थे. इनकी निष्काम सेवा और दया भाव की कोई तुलना नहीं थी. उन्होंने महाराज अग्रसेनजी के पथ पर चलकर मानव सेवा ही माधव सेवा को अपना सिद्धांत माना था. उन्होंने पूरे कटक समाज ही नहीं, बल्कि पूरे ओडिशा में एक ऐसा मंदिर बनाया, जहां सम्पूर्ण गीता के 18 अध्याय के 700 स्लोक का संगेमरमर की शिलाओं पर खुदवा कर बड़े ही सुन्दर रूप से उल्लेख किया गया है. साथ ही विश्व रूप दर्शन और चारोधाम यात्रा एक ही मंदिर में एक ही छत के नीचे आपको दर्शन करने का सौभाग्य मिल पाया है और उन्हींके नेतृत्व में गीता ज्ञान मंदिर में अग्रसेन जयंती बड़े ही धूमधम से मनाई जाती थी. एक महीने पहले से ही तैयारी शरू कर दी जाती थी, विभिन्न तरह की प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता रहा है. सभी बच्चे एवं महिलाओं को बढ़-चढ़कर अपनी प्रतिभा उभारने का मौका मिलता रहा है. परंतु इस साल करोना महामारी को देखते हुए हमने ज्यादा लोगों को एकत्रित न कर घर बैठे कई ऑनलाइन प्रतियोगिता का आयोजन किया. जिससे कि उन्हें अपनी प्रतिभा को उभारने का मौका भी मिला और विजेताओं को सुन्दर उपाहर से उनके घर पर अवार्ड भेज कर सम्मानित किया गया. सभी कार्यों को संपन्न करने में स्वतंत्र अग्रवाल, विनय खण्डेलवाल, ऋतु अग्रवाल, रिद्धि अग्रवाल, बिना अग्रवाल, रश्मि मित्तल, ज्योति खण्डेलवाल का पूर्ण सहयोग रहा.