अशोक कुमार पांडेय, भुवनेश्वर
जिंदगी फाउंडेशन ने बेसहारा और गरीब परिवारों के 19 बच्चों की तकदीर बदल दी है. जिंदगी फाउंडेशन की मदद से इन बच्चों ने नीट-20 की परीक्षा पास कर ली है और चिकित्सक बनने की राह पर चल पड़े हैं. इन बच्चों के नीट में सफलता हासिल करने पर जिंदगी फाउंडेशन के संस्थापक अजय बहादुर सिंह ने खुशी जाहिर की है. उन्होंने आज यहां इन बच्चों को सम्मानित किया. उन्होंने बताया कि ये बच्चे गरीब परिवार से हैं, लेकिन इनके हौसले बुलंद हैं.
कहा जाता है कि जहां जिद्द होती है, वहां जीत होती है. इस बात को साबित कर दिखाया है जिन्दगी फाउंडेशन के इन बच्चों ने. ऐसे समय में जब पूरी दुनिया कोरोना महामारी के जूझ रही थी, वैसी स्थिति में सभी चुनौतियों का सामना करते हुए इन 19 बच्चों ने नीट पास किया.
नीट पास करने वाले जिन्दगी फाउंडेशन के छात्रों में अनुगूल जिला की रहने वाली खिरोदिनी साहू भी शामिल है. इनके पिता दूसरों के खेतों में मजदूरी कर जीविका चलाते हैं. कोरोना महामारी के दौरान काम मिलना बंद हो गया था, तो खाने के लाले पड़ गये. लाकडाउन के दौरान खिरोदिनी की तबीयत खराब होने पर वह एंबुलेंस से भुवनेश्वर चली आयी और जिन्दगी फाउंडेशन के संस्थापक अजय बहादुर सिंह को अपनी परेशानी बतायी. उन्होंने इसे भुवनेश्नर में रखा तथा सारी सुविधाएं उपलब्ध करायी. इस बीच हाथियों के झुंड ने उसके घर को तोड़ दिया, लेकिन इसके हौसले नहीं टूटे. मजबूत इरादे के साथ उनसे नीट में 657 नंबर हासिल किया है.
एक अन्य छात्र सत्यजीत साहू के पिता साइकिल से सब्जी बेचा करते हैं, उसने भी नीट में 619 अंक हासिल किया है. इसी तरह की कहानी सुभेंदु परिडा की है, जिसने अपने माता-पिता के साथ इडली-बड़ा के ठेले पर काम करने लगा, लेकिन नीट में 609 नंबर लाया. निवेदिता पंडा के पिता अपने गाँव में पान की दुकान चलाते हैं, जिसने 591 अंक हासिल की. रोशन पाइक की कहानी भी कुछ ऐसी ही है, जो अपने पिता के साथ खेतों में मज़दूरी करने लगा, लेकिन नीट में शानदार सफलता हासिल किया. मनजीत की भी एक ऐसी ही कहानी है. मछली पकड़कर पेट पालन करने वाले परिवार में जन्मा मनजीत ने भी नीट में जबरदस्त सफलत हासिल की. ऐसी ही कहानी ज़िन्दगी फाउंडेशन के कई बच्चों की है, जो हर परिश्थिति में भी लड़कर नीट में सफलता के शीर्ष पर पहुंचे.
ज्ञात हो की ज़िन्दगी फाउंडेशन के संस्थापाक अजय बहादुर सिंह हर साल अत्यंत गरीब होनहार बच्चों को निःशुल्क मेडिकल कोचिंग के साथ-साथ रहने खाने-पीने किताब-कॉपी की सुविधाएं प्रदान करते हैं, जिससे यह बच्चे डॉक्टर बनने के सपने को साकार कर पाएं.
ज़िन्दगी फाउंडेशन के बच्चों ने 2018 से लेकर लगातार हर साल नीट में जबर्दश्त सफलता हासिल की है. 2018 में 20 में से 18 बच्चे और 2019 में 14 में से 14 बच्चे नीट में सफल हुए.