-
कहा-16 छात्र-छात्राओं के खिलाफ मामला दर्ज कर आवाज को दवा नहीं सकती सरकार
भुवनेश्वर. ओडिशा सरकार द्वारा शिक्षा जगत से जुड़े शिक्षाविद् व विद्यार्थी समाज के विरोध के बावजूद जोर जबरदस्त ओडिशा विश्वविद्यालय अधिनियम-2020 को लागू करने के खिलाफ विद्यार्थी परिषद द्वारा लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करने वाले छात्रों को गिरफ्तार कर जेल में डालने के निर्णय को परिषद ने निंदनीय बताया है. परिषद के प्रदेश सचिव शशिकांत मिश्र ने कहा कि छात्र- छात्रों के आवाज को कुचलने के लिए सरकार की दमनलीला चलाई है वह निंदनीय है. मिश्र ने कहा कि राज्य सरकार की अलोकतांत्रिक कदम के खिलाफ परिषद ने ज्ञापन देना, ऑनलाइन, दस्तखत अभियान चलाने आदि कार्यक्रम किया, लेकिन राज्य सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया. इस कारण विद्यार्थी परिषद ने कोविद गाईडलाइन के अनुसार, 30 अक्टूबर को 25 कार्यकर्ता लोवर पीएमजी चौक पर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया था, लेकिन पुलिस ने इसे लेकर जिस तरह की स्थिति उत्पन्न की उससे सामाजिक दूरी बनाना संभव नहीं था. पुलिस ने आंदोलन करने वाले छात्र-छात्राओं को हिरासत लिया और बाद में डीसीपी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर 17 छात्र– छात्राओं के खिलाफ मामला दर्ज कराया. उन्होंने कहा कि यदि राज्य सरकार व शिक्षा मंत्री अरुण साहू को लगता है कि इस तरह से छात्र-छात्राओं की आवाज को कुचल देगें ते वे गलती कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बीजद द्वारा कुछ दिन पहले बाइक रैली की गई थी उस मामले में कमिश्नरेट पुलिस ने क्या कार्रवाई की है, उसका जवाब कमिश्नरेट पुलिस को देना होगा.