संबलपुर. महानदी कोल फील्ड्स लिमिटेड मुख्याहलय, जागृति विहार में बीएन शुक्ला, अध्य्क्ष-सह-प्रबंध निदेशक की अध्यलक्षता एवं ओपी सिंह, निदेशक तकनीकी (संचालन), केशव राव, निदेशक (कार्मिक) तथा बबन सिंह, निदेशक तकनीकी (योजना/परियोजना) एमसीएल की उपस्थिति में दिनांक 14 से 28 सितंबर तक मनाए जा रहे राजभाषा पखवाड़ा-2020 का समापन तथा पुरस्कामर वितरण कार्यक्रम मुख्यांलय में ऑनलाइन के जरिए सम्पन्न हुआ. कार्यक्रम में कृष्ण देव प्रसाद, महाप्रबंधक (प्रबंधन प्रशिक्षण संस्थान/राजभाषा) एवं मुख्यामलय एवं क्षेत्रों के महाप्रबंधकगण, क्षेत्रीय कार्मिक प्रबंधकगण, नामित राजभाषा अधिकारीगण तथा प्रतियोगिताओं के प्रतिभागीगण उपस्थित हुए. अध्यक्ष महोदय ने अपने संबोधन में हिंदी भाषा की महत्ता एवं प्रयोजनमूलकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि देश में हिंदी ही एक ऐसी भाषा है, जो देश को एक सूत्र में बांधकर रखने में सक्षम है. राजभाषा हिंदी की पृष्ठखभूमि के संबंध में आगे उन्होंने कहा कि वर्ष 1963 में जब राजभाषा अधिनियम बनाते समय देश के सर्वाधिक बड़े भू-भाग में बोली और समझी जानेवाली भाषा को ही राजभाषा बनाए जाने की आवश्य कता महसूस की गई और इसके लिए हिंदी को ही एक सशक्तय भाषा के रूप में उपयुक्तभ पाया गया था. जो भी हो, हमें हर हिंदीतरभाषी को हिंदी सीखने के लिए प्रेरित व प्रोत्सा हित करना चाहिए, ताकि हिमालय से लेकर कन्याषकुमारी तक हिंदी भाषा सहज रूप से संचारित होती रहे. ओपी सिंह, निदेशक तकनीकी (संचालन) ने अपने संबोधन में हिंदी की महत्तात पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हिंदी के प्रचार-प्रसार में हम सभी को सहयोग करना चाहिए. हिंदी एक सरल एवं सरस भाषा है.
हमें कार्यालयों में अधिक से अधिक कार्य हिंदी में करना चाहिए. केशव राव, निदेशक (कार्मिक) ने अपने उदबोधन में कहा कि हमें अपनी भाषा एवं संस्कृति पर गर्व होना चाहिए. हमें अपनी संस्कृति की गहराई को समझना होगा तभी हम जीवन में सफल हो सकेंगे. आगे उन्होंने कहा कि राष्ट्र को एक सूत्र में पिरोने हेतु हिंदी का प्रचार-प्रसार आवश्यतक है. हिंदी प्रतियोगिताओं में सफल हुए कार्मिकों को बधाई देते हुए कहा कि प्रतियोगिताओं में बहुसंख्यीक हिंदीतरभाषी प्रतिभागी शामिल हुए हैं जो हिंदी के प्रति उनकी गहरी रूचि को दर्शाता है. बबन सिंह, निदेशक तकनीकी (योजना/परियोजना) ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भाषा का जीवन में बहुत महत्वि है, जिसके माध्याम से लोग अपनी भावनाओं को व्येक्तब करते हैं. किसी भी राष्ट्र के विकास में भाषा की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. हमें अपनी भाषा के प्रति श्रद्धा एवं समर्पण होना चाहिए. इसके पूर्व कृष्ण देव प्रसाद, महाप्रबंधक (प्रबंधन प्रशिक्षण संस्थान/राजभाषा) ने अध्याक्ष महोदय, निदेशकगण एवं उपस्थित पदाधिकारियों का स्वागत करते हुए कहा कि जो प्रतिभागी प्रतियोगिताओं में सफल हुए हैं वे अपना दैनन्दिन कार्यालयीन कार्य हिंदी में करें ताकि उनके विभागीय कार्यों में वृद्धि हो. आगे उन्होंने कहा कि हिंदी बहुत ही सरल एवं मधुर भाषा है. कार्यालय कार्यों में इसका प्रयोग हिंदीभाषी के अलावा हिंदीतरभाषी भी सहजतापूर्वक कर सकते हैं सिर्फ अपनी राजभाषा के प्रति उनमें सम्मांन होना चाहिए.
इस दौरान वर्ष 2019-20 में बेहतर राजभाषा कार्यान्वीयन के लिए क्षेत्रों एवं विभागों को ‘राजभाषा कार्यान्वकयन पुरस्कानर -2020’ अध्यमक्ष महोदय के कर-कमलों से प्रदान किया गया. इसके साथ ही मुख्यालय में पखवाड़ा के दौरान आयोजित हिंदी प्रतियोगिताओं के परिणाम की घोषणा की गई.
कार्यक्रम के दौरान पद्म पुरस्कारर से सम्मारनित संबलपुरी-कोशली भाषा के कवि हलधर नाग की पुस्तक ‘काव्यय संसार’ एवं अंतर्राष्ट्रीय ख्याकति प्राप्ता इग्नू के अँग्रेजी के प्रोफसर नंदिनी साहू की पुस्तक ‘सीता-एक महाकाव्यर’ का दिनेश कुमार माली,मुख्यर प्रबंधक(खनन), जगन्नाथ क्षेत्र द्वारा हिंदी में अनूदित पुस्तसकों का विमोचन अध्याक्ष महोदय के कर-कमलों द्वारा किया गया.
कार्यक्रम को सफल बनाने में बीआर साहू कलिहारी, उप प्रबंधक (सचिवीय/राजभाषा) एवं राजभाषा टीम की भूमिका सराहनीय रही.