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नकली कोरोना वैक्सीन बनानेवाले युवक को चेतावनी देकर छोड़ा गया
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पहले बांझपन दूर करने की दवा भी बेच चुका है प्रह्लाद
राजेश बिभार, संबलपुर
शैक्षणिक योग्यता सिर्फ सात पास, लेकिन फर्जी दवाओं को बनाने में महारथ हासिल है. जी हां! इस बात का खुलासा एक जांच टीम ने किया है, जिसने सुबह कोरोना की फर्जी दवा मामले की जांच कर रही थी. संबलपुर एवं बरगढ़ ड्रग इंस्पेक्टर की संयुक्त टीम ने बरगढ़ जिले के भेड़ेन ब्लॉक अंतर्गत रिषिड़ा गांव में छापामारकर भारी मात्रा में कोरोना की नकली वैक्सीन बरामद किया है. वैक्सीन बनाने वाले 32 वर्षीय युवक प्रह्लाद विसी से गहन पूछताछ की गई, जिसके बाद उसे चेतावनी देकर छोड़ा गया है. संबलपुर ड्रग इंस्पेक्टर समीर मल्लिक ने बताया कि प्रहलाद विसी ने सातवीं कक्षा तक की पढ़ाई की है. कुछ माह पहले उसे अपने सुझबूझ से बांझपन दूर करने की एक दवा विकसित किया. उस दवा में उसने टिटानस टक्सीड, सेफाटिक्सिम सोडियम एवं कास्टम ऑयल आदि मिश्रित किया था. जिसे वह बाजार में बिना अनुमति के ही 25 सौ रुपये में बेच रहा था. कोरोना के आरंभ होते ही उसके खुराफाती दिमाग में कोरोना की वैक्सीन बनाने की धून सवार हुई. आनन-फानन में उसने कुछ पावडर एवं रासायनिक पदार्थ मिलाकर कोविद-19 वैक्सीन बनाया. इसके उपर उसने कोविद-19 वैक्सीन फॉर कोरोना लिखा. दो दिन पहले उसने बरगढ़ जिला ड्रग्स इंस्पेक्टर सस्मिता देहूरी को ई-मेल किया और उस वैक्सीन को बेचने की अनुमति मांगी. सस्मिता को जब संदेह हुआ तो उसने अपने उच्च अधिकारियों को मामले की जानकारी दी. इसके बाद संबलपुर के ड्रग इंस्पेक्टर समीर मल्लिक को मामले की जांच का निर्देश दिया गया. समीर मल्लिक के नेतृत्व में संबलपुर एवं बरगढ़ ड्रग कर्मचारियों की टीम ने प्रह्लाद के ठिकानों पर छापामारा और भारी मात्रा में नकली वैक्सीन बरामद किया है. मल्लिक ने बताया कि जब्त वैक्सीन को जांच के लिए भुवनेश्वर भेजा गया है. जांच के दौरान यदि किसी तरह की विसंगति पाई गई तो कानून के आधार पर प्रह्लाद के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. कोरोना की नकली वैक्सीन बनाने की बात सामने आते ही संबलपुर एवं बरगढ़ प्रशासन सतर्क हो गया है.