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डालमिया-ओसीएल का देश को प्रमुख एक्सपोर्ट हब बनाने का लक्ष्य

  • कंपनी के सीईओ समीर नागपाल ने किया ऐलान

  • कहा-मैग्नेशिया कार्बन लाइन भारत की पहली रिफ्रेक्ट्री लाइन है जो है आत्मनिर्भर भारत की घोषणा के अनुरूप

हेमन्त कुमार तिवारी, भुवनेश्वर

डालमिया-ओसीएल के सीईओ, समीर नागपाल ने कहा कि आरंभ में मैं माननीय केंद्रीय राज्य मंत्री, इस्पात मंत्रालय फग्गन सिंह कुलस्ते का डालमिया-ओसीएल की मैग्नेशिया कार्बन लाइन के उद्घाटन के लिए आभार व्यक्त करता हूं. माननीय पीएम नरेंद्र मोदी के आत्मानिर्भर भारत के दृष्टिकोण के तहत आत्मनिर्भर भारत के लिए प्रतिबद्ध, डालमिया-ओसीएल ने ‘भारत की फैक्टरी मे भारत की रिफ्रैक्टरी’ की अपनी महत्वपूर्ण पहल शुरू की है.

उन्होंने कहा कि मुझे यह बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि मैग्नेशिया कार्बन लाइन भारत की पहली रिफ्रेक्ट्री लाइन है जो आत्मनिर्भर भारत की घोषणा के अनुरूप है. नागपाल ने कहा कि इस नई लाइन के तहत हम ओडिशा के राजगंगपुर संयंत्र में एमजीओ-सी ब्रिक में 108,000 टन की क्षमता डालेंगे और प्रत्येक 36,000 टन के तीन चरणों में इसे चालू करेंगे.

आज उद्घाटन किया गया पहला चरण चीन से आयात को प्रतिस्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. इस प्रकार हमने अपने स्टील निर्माताओं को वैश्विक बाजारों के उतार-चढ़ाव से बचाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. आगे जाकर, हम अपनी विनिर्माण क्षमताओं को और मजबूत करते हुए न केवल भारत को आत्मनिर्भर बनाएंगे, बल्कि एक प्रमुख एक्सपोर्ट हब भी बनाएंगे. इस्पात उद्योग के आत्मनिर्भर मिशन में योगदान करते हुए, कटनी में एक मोनोलिथिक लाइन और राजगंगपुर में एक स्नोर्कल लाइन में निवेश पहले से ही भारतीय उद्योग को अपने कारखानों में स्थानीय रूप से निर्मित उत्पादों का उपयोग करने में मदद कर रहा है।

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