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21 दिव्यांगों को आजीविका टूल किट प्रदान किया
भुवनेश्वर. डॉ गीतांजली बटमनबाने, निदेशक एम्स, भुवनेश्वर ने अपनी नातुनी अद्विता, जो कि कनाडा में है, के जन्म दिवस के अवसर पर एनसीएससीडीए भुवनेश्वर द्वारा प्रशिक्षित 21 दिव्यांगजनों को आजीविका टूल किट्स प्रदान की. डॉ गीतांजली ने कहा कि हम सबको आगामी पीढ़ी को भारतीय परम्परा ‘परहित सरस धर्म नहीं दूजा’ को सिखाने की आवश्यकता है.
उल्लेखनीय है कि विगत वर्ष एम्स, भुवनेश्वर के एमबीबीएस के 100 विद्यार्थी भारत सरकार के एनसीएससीडीए, भुवनेश्वर में आधे दिन के लिए आये थे. डॉक्टरों को दिव्यांगों की पुनर्वास योजनाओं की जानकारी होने से दिव्यांगों को अच्छा मार्गदर्शन मिल सकता है, क्योंकि दिव्यांगजन या उनके अभिभावक डॉक्टर के पास जाते ही हैं.
पीके राय, उपनिदेशक एम्स ने कहा कि दूसरों को देने से, मदद करने से जो आंतरिक खुशी मिलती है, वह अतुलनीय है. हम सब अपने-अपने सामर्थ्य के अनुसार इस विषम परिस्थिति में जरुरतमंदों की सहायता करें. रामकिशोर शर्मा, सहायक निदेशक, एनसीएससीडीए, भुवनेश्वर, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार ने कहा कि आज करोना काल की विकट विपरीत परिस्थितियों में छोटे-छोटे सहयोग दिव्यांगों के सशक्तिकरण में महती भूमिका निभा सकते हैं. डॉ. गीतांजली द्वारा 21 दिव्यांगों को दी गई आजीविका किट दिव्यांगों को आजीविका से जोड़ने में सहायक होगी.
सुदाम स्वांई खुर्दा (40) ने बताया कि एनसीएससीडीए से मैंने सिर्फ कौशल प्रशिक्षण ही नहीं लिया है, बल्कि यहां रहते हुए मैंने जीने की कला भी सीखी. आज डॉ. गीतांजली द्वारा मुझे जो एसी मरम्मत टूल दी गई है, वह मेरी आजीविका कमाने एवं व्यावहारिक कौशल बढ़ाने में मद्दगार होगी. कु. कौशल्या दास (25), जगतसिंहपुर ने अपनी खुशी का इजहार करते हुए कहा कोरोनाकाल की विकट विषम परिस्थिति में मुझे जो बहुआयामी सिलाई मशीन प्रदान की गई है, वह मेरी कार्यवृद्धि एवं गुणवत्ता बढ़ाने में सहायक होगी. मुझे आत्मविश्वास आ गया है कि मैं अपने गांव में अपनी आजीविका कमा पांऊगी. टूल किट्स में 8 बैल्डिंग किट, 4 मल्टीफंक्शनल सिलाई मशीन, 3 एसी रिपेयरिंग किट, 3 इलैक्ट्रकिल किट्स, 3 मोबाइल रिपेयरिंग किट शामिल हैं. इस दौरान सोनालिका सुमन, मनोवैज्ञानिक ने आभार व्यक्त किया.