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सांकेतिक रूप से हुई भगवान विश्वकर्मा की पूजा

  • रौनक रही गायब, कोविद-19 के नियमों का किया गया पालन

शैलेश कुमार वर्मा, कटक

कटक में विश्वकर्मा पूजा कोविद-19 के नियमों का पालन करते हुए 16 एवं 17 सितंबर को मनाया गया. लोगों ने अपनी-अपनी दुकानों एवं फैक्ट्रियों में बड़े ही सरल तरीके से कोविद-19 के नियमों का पालन करते हुए सांकेतिक रूप से विश्वकर्मा पूजा का आयोजन किया. विश्वकर्मा भगवान को वास्तु शिल्प के रचनाकार के रूप में जाना जाता है. इस दिन बड़े-बड़े कल कारखाने, रेलवे, प्रेस कार्यालय एवं फैक्ट्रियों में विश्वकर्मा जी की मूर्ति स्थापित कर पूजा अर्चना की जाती है. इस बार दो दिन 16 एवं 17 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा का आयोजन किया गया.  विश्वकर्मा भगवान को दुनिया का पहला इंजीनियर और वास्तुकार माना जाता है. इसलिए इस दिन उद्योगों, फैक्ट्र‍ियों और हर तरह के मशीन की पूजा की जाती है. पौराणिक कथाओं के अनुसार,  मान्यता है कि भगवान विश्वकर्मा ने ही देवताओं के लिए अस्त्रों, शस्त्रों, भवनों और मंदिरों का निर्माण किया था. इस वर्ष कोरोना के कारण विश्वकर्मा भगवान की पूजा सभी जगह फीके रूप से देखने को मिली. लोगों ने धूपबत्ती कर शांतिपूर्वक भगवान विश्वकर्मा की पूजा अर्चना की एवं कोरोना से मुक्ति के लिए भगवान विश्वकर्मा से प्रार्थना की.

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