
भुवनेश्वर । केन्द्र व राज्य सरकार के सहयोग से खुर्दा के बरुणेई में प्रस्तावित पाइक विद्रोह स्मारक ओडिशा के लोगों के विजयगाथा को विश्व के सामने पहुंचाएगा। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा इसके भूमिपूजन के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने यह बात कही।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने 2017 में इस भूमि पर विद्रोह की स्मृति को अमर रखने के लिए एक भव्य स्मारक तैयार करने का निर्णय लिया था । 2018 में प्रधानमंत्री ने स्वयं खोर्धा आकर इस संग्राम में शामिल लोगों को याद किया था ।
प्रधानमंत्री मोदी ने पाइक विद्रोह स्मारक मुद्रा, स्मारक डाक टिकट व उत्कल विश्वविद्यालय में एक विशेष पीठ स्थापना करने के लिए पांच करोड रुपये की राशि प्रदान करने की घोषणा की थी। केवल इतना ही नहीं केन्द्र सरकार ने इस आंदोलन के दो सौ वर्ष पूरे होने के अवसर पर केन्द्रीय बजट में इसके लिए धनराशि का प्रावधान किया था।

श्री प्रधान ने कहा कि 2017 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया था और इस पर अधिक शोध किये जाने की बात कही थी। पाइक विद्रोह को भी एनसीईआरटी के पुस्तक में शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि ओडिशा के लोग किसी के दया से नहीं बल्कि लड़ाई कर स्वीकृति हासिल करेंगे।
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