बड़बिल. केन्दुझर के चंपुआ अनुमंडल, विशेष रूप से बड़बिल और जोड़ा नगर की सड़कें जहां एक ओर आए दिन दुर्घटनाओं और मौत का पर्याय बन चुकी हैं, वहीं सरकार और जिला प्रशासन जनहित की समस्याओं को दूर करने के बजाय सिर्फ खनिज परिवहन कार्य को पूरा करने में अग्रसर हो चुका है. एक जिलास्तरीय प्रेस वार्ता के दौरान प्रदेश भाजपा कार्यकारिणी सदस्य डॉ मुरली मनोहर शर्मा ने ये बातें कहीं. केन्दुझर जिला के बड़बिल नगर के भाजपा कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में डॉ मुरली मनोहर शर्मा के अतिरिक्त प्रदेश भाजपा कार्यकारिणी सदस्य दिलीप कुमार मिश्र, बड़बिल मंडल अध्यक्ष ब्रजकिशोर साहू एवं देवप्रसाद मिश्र प्रमुख उपस्थित थे. उक्त वार्ता में केन्दुझर, चंपुआ, जोड़ा और बड़बिल नगर के दर्जनों पत्रकार की मौजूद थे. जिला प्रशासन की उदासीन मानसिकता और जिला की विभिन्न समस्याओं पर केन्द्रित प्रेस वार्ता में डॉ शर्मा ने माइनिंग के प्रति सरकार की उत्साह, सड़कों की बदहाली, वायु में जहर की तरह बहता प्रदूषण, डीएमएफ का दुरुपयोग, पुलिस प्रशासन द्वारा श्रमिकों का दमन और अपार खनिज संपदा से परिपूर्ण केन्दुझर जिला में वृहत इस्पात संयंत्र प्रमुख ता पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार हमेशा से केन्दुझर जिला एवं चंपुआ अनुमंडल की अपेक्षा करते रही है. सरकारी खजाने को जिला के राजस्व से सुसज्जित करने वाले नगरों की सड़कों की दुर्दशा मौत का सबब बन चुकी है. लोगों के बेहतर इलाज के लिए एक अच्छी अस्पताल नहीं है. बड़े वाहनों को परिवहन के लिए अवसर प्रदान करते हुए कर्ज में दबे, छोटे वाहन मालिकों को आत्महत्या के लिए प्रोत्साहित करने का निर्णय जिला प्रशासन ने लिया है. अपने संबोधन में आगे कहा कि राज्य सरकार और जिला प्रशासन डीएमएफ का उपयोग प्रभावित क्षेत्रों के विकास के लिए खर्च नहीं करते हुए उन राशियों से वेतन एवं अन्य लूट के कार्यों में खर्च कर रही है. इसके अतिरिक्त खनन क्षेत्रों से निकलने वाली धूल, मिट्टी स्थानीय लोगों को बीमार बना रही है और सरकार निजी कंपनी के साथ मिलकर अन्य जिला में वृहत इस्पात संयंत्र लगाने का फैसला किया है. अंत में डॉ शर्मा ने राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा है कि प्रशासन बिना देर किए हुए तुरंत सड़कों का निर्माण, बड़बिल में एक सुपर स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल, जिला में वृहत इस्पात संयंत्र का निर्माण और पुलिस प्रशासन द्वारा रेलवे साइडिंग, संयंत्रों में श्रमिकों का दमन, मशीनों को प्रोत्साहन बंद करे और जनसाधारण को सेवा प्रदान करें न कि साइडिंग, संयंत्रों के मालिकों की नौकरी बजाए. सरकार नगर के मुख्य मार्ग का निर्माण अविलंब आरंभ करे अन्यथा अनिश्चित काल के लिए एक बार पुनः आन्दोलन के तौर पर आर्थिक नाकबंदी की जाएगी.
Check Also
धान खरीद में कटनी व छटनी की प्रक्रिया होगी बंद
बरगढ़ जिले में 20 नवंबर से शुरू होगी धान की खरीद किसानों के हित में …