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मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया

  •  कहा-कई जिले, कई गांव हुए हैं जलमग्न

  •  घरों और खेती को पहुंचा है नुकसान

  •  सामान्य जीवन को बहाल करने के लिए तेजी से उठाए जा रहे हैं कदम

भुवनेश्वर. मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने सोमवार को बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया और प्रकृति को होने वाले नुकसान को देखा. उन्होंने कहा कि बाढ़ से कई जिलों में जलजमाव है. कई गांवों में बाढ़ का पानी घूसा है. कृषि फसलों को नुकसान पहुँचा है. घरों को क्षति हुई है. बाढ़ के कारण सड़कें डूबी हुई हैं और अन्य बुनियादी ढांचे को भी नुकसान पहुँचा है. स्थिति का जायजा लेने के बाद उन्होंने आश्वासन दिया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सामान्य जीवन को बहाल करने के लिए तेजी से कदम उठाए जा रहे हैं. मुख्य सचिव असित त्रिपाठी ने कल कहा था कि ओडिशा की पांच प्रमुख नदी प्रणालियों ने बंगाल की खाड़ी में तीन लगातार कम दबावों के कारण भारी बारिश के कारण बाढ़ देखी है. विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) प्रदीप जेना ने यह भी बताया कि ओडिशा में जारी बाढ़ की स्थिति के कारण 20 जिलों के 14,32,701 लोग प्रभावित हुए हैं.

इस बाढ में अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है. बाढ़ पीड़ितों के लिए एनडीआरएफ की 14 टीमें, ओड्राफ की 17 तथा अग्निशमन विभाग के 22 टीमों को तैनात किया गया है. इसके लिए 254 बोट लगाये गये हैं. अनुगूल, बरगढ़, भद्रक, पुरी, बौध, कटक, ढेंकानाल, जगतसिंहपुर, जाजपुर, झारसुगुड़ा केन्द्रापड़ा, केन्दुझर, खुर्दा, मयूरभंज, नयागढ़, नुआपड़ा, पुरी, संबलपुर, सुवर्णपुर व सुंदरगढ़ जिले के 112 प्रखंड प्रभावित हुए हैं. 896 ग्राम पंचाय़तों के 3256 गांव तथा 21 शहरी निकायों के 75 वार्डों के 14 लाख 32 हजार 701 लोग प्रभावित हुए हैं. रविवार को 340 गांव जलमग्न थे तथा 265723 लोग पानी के घेरे में थे. बाढ़ प्रभावित इलाकों में 357 स्थानों पर पका हुआ भोजन बना कर निःशुल्क भोजन दिया जा रहा है. बाढ़ में 10382 कच्चे मकान ढह गये हैं. बाढ़ के कारण 45 मेडिकल टीमें तथा 42 वेटेनरी टीमों को तैनात किया गया है. 11 जिलों के 107 स्थानों पर सड़क टूट गयी है.

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