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कई नदियां उफान पर, बांधों में दरार
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जिला प्रशासन अलर्ट पर
भुवनेश्वर. बंगाल की खाड़ी में निम्न दवाब के कारण ओडिशा में भारी वर्षा हुई है. इससे नदियों में उफान है तथा तटों में दरारें पड़ी हैं. बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है. बारिश, बाढ़ और दीवार गिरने से संबंधित घटनाओं में मयूरभंज जिले में चार, कींजर में दो और सुंदरगढ़, जाजपुर और नुआपाड़ा जिलों में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई है. जगतसिंहपुर, केंद्रापड़ा, केंदुझर, जाजपुर, मयूरभंज, खुर्दा, भद्रक और बालेश्वर के आठ जिलों को बाढ़ की चेतावनी दी गई है. महानदी, ब्राह्मणी, बैतरणी और सुवर्णरेखा नदी में मध्यम स्तर की बाढ़ की आशंका को लेकर सभी अधिकारियों को अलर्ट पर रखा गया है. स्थिति से निपटने के लिए एहतियाती उपाय किए गए हैं. आज, सुवर्णरेखा नदी जमशोला घाट और राजघाट पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी. इसी तरह, बालेश्वर में बुद्धबलंगा और गजपति जिले के बंशधरा में भी उफान है. ऊपरी जलग्रहण क्षेत्र में भारी बारिश के बाद महानदी नदी और उसकी सहायक नदियाँ में जलस्तर बढ़ गया है. आज सुबह हीराकुंड बांध पर कुल 24 स्लुइस गेट खुलने के बाद सोनपुर के निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति है. कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है. बीरमहाराजपुर और सोनपुर के बीच संपर्क बाधित हो गया है. महानदी से बाढ़ का पानी कुजंग ब्लॉक, जगतसिंहपुर की कई ग्राम पंचायतों में प्रवेश कर गया है. सहारडीहा, भांडुआ, कथकुटा, गोबर्धनपुर गाँवों में जल-जमाव ने सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है.
बालेश्वर जिले में कंसा बाँसा नदी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. यह 7.66 मीटर पर बह रही था, जबकि खतरे का स्तर 7.5 मीटर पर चिह्नित है. नदी के पास के कई निचले क्षेत्रों को उच्च-जोखिम वाले क्षेत्र रुप में घोषित किया गया है और स्थानीय प्रशासन को अलर्ट पर रखा गया है. शुक्रवार की सुबह यह बताया गया कि राष्ट्रीय राजमार्ग 16 पर लगभग पाँच फीट पानी बह रहा है और इसलिए दो पंचायतों के 46 गाँवों का संपर्क बाधित हुआ है. जाजपुर जिले के 10 ब्लॉकों से जुड़े दो लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. सबसे ज्यादा प्रभावित जाजपुर, बुझारपुर, दशरथपुर, बारी, रसूलपुर, कोरी, धर्मशाला और बड़चणा ब्लॉक हैं.