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एसआरसी ने की जिलाधिकारियों से बात
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नदी के किराने रहने वाले लोगों से सजह रहने की अपील
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बांधों में टूटने या रिसाव की सूचना देने को कहा गया
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विशेष राहत आयुक्त ने कहा-सब मिलकर बाढ़ की स्थिति से निपटेंगे
भुवनेश्वर. महानदी के ऊपरी इलाकों में छत्तीसगढ़ में पिछले कुछ समय से भारी बारिश के कारण महानदी में मध्यम से बड़े दर्जे की बाढ़ की आशंका है. इससे कटक, पुरी व जगतसिंहपुर जिले के प्रभावित होने की आशंका है. राज्य के जल संसाधन विभाग के सर्वोच्च अभियंता ज्योतिर्मय रथ ने यह बात कही. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में भारी बारिश हो रही है. इस कारण महानदी का जलस्तर निरंतर बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि आज सुबह तक महानदी के उपरी इलाके में 200 मीलीमीटर बारिश रिकार्ड की गयी है. इस कारण हीराकुद जल भंडार के 28 गेट खोले जा चुके हैं और आठ खोले जाएंगे. वर्तमान में हीराकुद जल भंडार का जलस्तर 625 फीट है. कलमा से पांच लाख व भेडेन से 2.5 लाख क्यूसेक पानी हीराकुद जल भंडार में प्रवेश कर रहा है. इस कारण हीराकुद जल भंडार में 8 लाख क्युसेक जल प्रवेश कर रहा है. यह पानी कटक के मुंडली पहुंचते पहुंचते 10 से साढ़े दस क्यूसेक पानी हो जाएगा. इस कारण एक मध्यम से बड़े दर्जे की बाढ़ हो सकती है.
हालात को लेकर विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) प्रदीप कुमार जेना ने कहा कि ओडिशा मध्यम बाढ़ का सामना करने के लिए तैयार है. हम मुंडाली में 10 लाख या अधिकतम 10.5 लाख क्यूसेक पानी की उम्मीद कर रहे हैं. इसे देखते हुए कि मैंने आज महानदी नदी के तहत चपेट में आने वाले सभी जिलों के कलेक्टरों से व्यक्तिगत रूप से चर्चा की है. इन कलेक्टरों को अलर्ट पर रखा गया है. हम इन स्थानों पर ओड्राफ, एनडीआरएफ और अग्निशमन सेवा टीमों की अतिरिक्त इकाइयां तैनात कर रहे हैं. जल संसाधन विभाग के अभियंता, जिला और ब्लॉक प्रशासन के अधिकारी, अधीनस्थ अधिकारी और जनप्रतिनिधि सभी एक साथ दिन-रात सावधानी रख रहे हैं. हम नदी किनारे से सटे गांवों में रहने वाले लोगों से अनुरोध करेंगे कि वे इसे देखने के लिए सतर्क रहें और तटों के टूटने या रिसाव होता देख तत्काल प्रशासन को सूचित करें. रिसाव रोकने के लिए कदम उठाएं. उन्होंने कहा कि सभी से सहयोग के साथ हम निश्चित रूप से और आसानी से इस बाढ़ की स्थिति से निपटेंगे.