-
आयोजन की मांगी गयी अनुमति
कटक. इस साल कोविद-19 महामारी के मद्देनजर दुर्गा पूजा उत्सव पर अनिश्चितता के बादल मंडाराते देख आयोजन की अनुमति के लिए मंगलवार को ओडिशा उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है. कटक के बालूबाजार पूजा समिति, जो कि सिल्वर सिटी की सबसे पुरानी पूजा समितियों में से एक है, ने यह याचिका दायर कर कोर्ट से आग्रह किया है कि त्योहार की 500 साल पुरानी परंपरा को बनाए रखने की अनुमति दी जाए.
समिति के सदस्यों ने अदालत को आश्वासन दिया है कि महामारी के मद्देनजर सामाजिक सुरक्षा और अन्य सुरक्षा दिशानिर्देशों के सख्त पालन के साथ त्योहार मनाया जाएगा. याचिकाकर्ताओं ने रथयात्रा का उदाहरण दिया है, जिसे इस वर्ष सदियों पुरानी परंपरा को संरक्षित करने की अनुमति दी गई थी. इसके अलावा उन्होंने अदालत से दुर्गा पूजा के लिए मूर्तियों को बनाने की अनुमति देने का आग्रह भी किया है. राज्य सरकार के गृह विभाग, पुलिस आयुक्त और पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) को मामले का उत्तरदाता बनाया गया है.
बालूबाजार पूजा समिति के सभापति व अधिवक्ता सूर्यकांत सांगानेरिया ने कहा कि यहां 150 साल से पूजा होती आ रही है. पुलिस प्रशासन ने नदी से माटी लाने का अनुमति तो दिया है, लेकिन मूर्ति बनाने की अनुमति नहीं दे रहे हैं. इसलिए जनहित याचिका दायर कर हमने मूर्ति बनाने के साथ-साथ पूजा के आयोजन की अनुमति मांगी है.
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने महामारी को देखते हुए इस वर्ष गणेश पूजा के सामुदायिक उत्सव को प्रतिबंधित कर दिया था. कोविद-19 का संक्रमण कम होने का लक्षण नहीं दिखाई दे रहा है. मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. इसलिए यह संदेह हो रहा है कि शायद ही सरकार इस साल दुर्गा पूजा की अनुमति देगी, क्योंकि यह उत्सव बड़े पैमाने पर मनाया जाता है और काफी संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ती है.
काकटपुर मंगला मंदिर खोलने की मांग
इधर, काकटपुर में मंगला मंदिर के सेवायतों ने राज्य की शीर्ष अदालत का रुख किया है और भक्तों के लिए मंदिर खोलने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि भक्तों पर प्रतिबंध के कारण वे वित्तीय संकट से गुजर रहे हैं. सेवायतों ने पुरी भगवान जगन्नाथ मंदिर के सेवायतों की तरह सहायता की मांग की है. याचिका पर कार्रवाई करते हुए अदालत ने राज्य सरकार, एंडॉमेंट कमीशन और मंदिर ट्रस्ट को नोटिस जारी किया है.