Home / Odisha / श्री मंदिर में सप्तपुरी अमावस्या नीति संपन्न

श्री मंदिर में सप्तपुरी अमावस्या नीति संपन्न

प्रमोद कुमार प्रृष्टि, पुरी

भगवान श्री जगन्नाथ जी की अनोखी नीतियों में से एक नीति है सप्तपुरी अमावस्या. चार बड़े-बड़े मिट्टी के पात्र जिसको स्थानीय भाषा में ताड़ कहा जाता है. इसी में भगवान जी का विशेष व्यंजन सप्तपुरी भोग नीति संपन्न की गयी. श्री मंदिर प्रशासन की तरफ से सहकारी जनसंपर्क अधिकारी जितेंद्र मोहंती ने जानकारी देते हुए कहा कि गोपाल बल्लभ नीति के बाद सुबह का धूप भोग आयोजित की गयी. इसमें यहां परंपरा के अनुसार सप्तपुरी श्री मंदिर के रसोईघर सेवकों के जुलूस में घंटे-छतरी आदि के साथ भोग चार विशेष मिट्टी के पात्र ताड़ से श्रीमंदिर के रत्न सिहासन के पास लाकर रखा गया.

इसके बाद मोदी रास्त सेवक प्रसाद के लिए तैयारियां संपन्न किए, जबकि पूजा पंडा सेवक मोहनी कार्य संपन्न करके भगवान श्री जगन्नाथ, बलभद्र, देवी सुभद्रा, सुदर्शन जी को समर्पित किए. इस पावन कार्य के बाद अन्य नीतियां श्री मंदिर में आयोजित की गयीं.

अमावस्या तिथि के चलते श्रीमंदिर से अमावस्या नारायण सेवकों के जुलूस से परंपरा के अनुसार अपने ससुराल महोदधि समुद्र स्वर्ग द्वार के पास पहुंचने के बाद भगवान जी का चरण धोने की परंपरा के साथ पत्री नियोग की तरफ से तैयार किया गया विशेष पणा समर्पित किया गया. श्रीमंदिर से जाते समय बालिसाही में भगवान जी समुद्र तट तक पहुंचे, लौटते समय गोडवाड़ शाही, हरचंडी शाही, मणिकर्णिका शाही होते हुए श्रीमंदिर में पहुंचे. रास्ते में विभिन्न स्थानों पर पंक्ति भोग  श्रद्धालुओं के तरफ से अर्पित किया गया. भगवान जी के साथ में गये पूजा पंडा सेवक यह भोग नारायण जी को समर्पित किए. इस परंपरा को देखने के लिए स्थानीय लोगों में श्रद्धा पूर्वक उत्सुकता देखने को मिली.

Share this news

About desk

Check Also

धान खरीद में कटनी व छटनी की प्रक्रिया होगी बंद

बरगढ़ जिले में 20 नवंबर से शुरू होगी धान की खरीद किसानों के हित में …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *