चंडीगढ़। पंजाब के अमृतसर, तरनतारन व गुरदासपुर जिलों में जहरीली शराब पीने से 24 लोगों की मौत हो गई, जबकि एक दर्जन से अधिक की हालत गंभीर बनी हुई है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पूरे घटनाक्रम की जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया है। प्रारंभिक जांच के बाद एक थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है।
पंजाब के सीमावर्ती जिलों में शराब निकालने का काम खुलेआम चलता है। अमृतसर जिले के गांव मुछल में भी पुलिस की मिलीभगत से कुछ लोग घर में ही शराब निकालते हैं। इस गोरखधंधे में एक महिला भी लिप्त है। बुधवार की रात इसी गांव के लोगों ने कच्ची शराब खरीदी और पीने के बाद उनकी तबीयत बिगड़ना शुरू हो गई। गुरुवार की रात अमृतसर जिले में अलग-अलग जगहों पर मौतों का सिलसिला शुरू हुआ। शुक्रवार दोपहर तक अमृतसर जिले में 11 लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीच तरनतारन जिला के गांव राटौल में भी जहरीली शराब का कहर बरपा है। यहां सात लोगों की मौत की खबर है। उधर सीमावर्ती जिला गुरदासपुर के कस्बा बटाला में भी जहरीली शराब पीने से छह लोगों की मौत हो चुकी है। पंजाब के तीनों जिलों में इस समय करीब दो दर्जन लोग विभिन्न अस्पतालों में उपचाराधीन हैं।
पंजाब पुलिस महानिदेशक दिनकर गुप्ता के अनुसार पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों के हवाले किये जा चुके हैं। प्रारंभिक जांच में किसी जहरीली वस्तु के सेवन से मौत की आशंका है। डीजीपी ने बताया कि प्रारंभिक जांच के आधार पर टांगरा पुलिस चौकी प्रभारी को निलंबित किया जा चुका है। इसके अलावा जांच में जो लोग भी दोषी पाए जाएंगे उनके विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी।
इस बीच मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पूरे घटनाक्रम की जांच के आदेश देते हुए जालंधर के मंडल आयुक्त की अध्यक्षता में एक एसआईटी का गठन कर दिया है। एसआईटी में आबकारी एवं कराधान विभाग के आयुक्त के अलावा तीनों जिलों के एसपी स्तर के अधिकारियों को शामिल किया गया है।
साभार-हिस