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पर्यावरण स्वच्छता की दिशा में महत्वपूर्ण उपलब्धि
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मानव अपशिष्ट को पानी व बायो-गैस में बदल देता है बायो शौचालय
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पूर्व तट रेलवे के अंतर्गत सभी 3247 कोचों में लगे बायो शौचालय
भुवनेश्वर. स्वच्छ रेल, स्वच्छ भारत अभियान के प्रति प्रतिबद्धता दुहराते हुए एवं स्वच्छ व पर्यावरण हितैशी यात्रा के लिए अपने प्रयासों के तहत पूर्व तट रेलवे ने अपने सभी ट्रेनों में शत-प्रतिशत बायो शौचालय की सुविधा उपलब्ध करा दी है. ये बायो शौचालय बैक्टीरिया की मदद से मानव अपशिष्ट को पानी व बायो-गैस में बदल देते हैं. बायो शौचालय की यह प्रणाली ठोस अपशिष्ट के दीर्घकालीक निबटान में काफी सहायक है. पूर्व तट रेलवे के अंतर्गत कुल 3247 कोच हैं. इन सभी कोचों में अब बायो शौचालय लगा दिये गये हैं. इनमें से 2534 कोच आईसीएफ प्रकार के व 713 कोच एलएचबी प्रकार के हैं. पूर्व तट रेलवे की सभी कोचों में बायो शौचालय लगा देने के बाद यह सुविधा न सिर्फ स्वच्छता का स्तर बढ़ाते हुए मानव अपशिष्ट को पटरी पर गिरने से रोकेगी, बल्कि पटरी को जंग लगने से भी बचायेगी. इस प्रकार एक ओर जहां रेलवे परिसंपत्तियों के रख-रखाव का खर्च कम होगा, वहीं ट्रेन परिचालन की संरक्षा में भी वृद्धि होगी. पूर्व तट रेलवे ने वेंचुरी सिस्टम प्रणाली विकसित की है, जो बायो शौचालय की कार्यप्रणाली को और बेहतर बनाता है. इस नयी प्रणाली से शौचालय के अंदर ताजी हवा का संचरण बेहतर होता है एवं दुर्गंध से छुटकारा मिलता है. पूर्व तट रेलवे की ओर से सभी बायो शौचालय में हल्के दबाव पर काम करने वाले फ्लश प्रदान किये गये हैं, जिससे इसका उपयोग सुविधाजनक हो गया है. किसी भी प्रकार के अपशिष्ट को शौचालय पैन में डालने से रोकने के लिए सभी शौचालय में कूड़ेदान की व्यवस्था की गयी है.
बायो शौचालय के सही प्रकार से उपयोग हेतु तथा इसके उपयोग के दौरान निषिद्ध क्रियाकलापों के बारे में यात्रियों को जागरूक करने के लिए सभी शौचालय के बाहर सचित्र संदेश भी उपलब्ध कराये गये हैं.
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