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छोटी सी उम्र में गजब है पाजिटिव सोच, नौ साल में रचे बड़े इतिहास

  • हर्षिल अग्रवाल ने सकारात्मक सोच की बदौलत चार वर्ल्ड रिकार्ड किया कायम

  • कटक का नाम किया रौशन

  • माता रिंकी, पिता संजय अग्रवाल और गुरु को दिया श्रेय

  • नाना नथमल चनानी ने आगे बढ़ने के लिए दी शुभकामनाएं

  • कहा- राज्य तथा देश को भी गौरव दिलाएगी इसकी प्रतिभा

हेमन्त कुमार तिवारी, कटक

छोटी उम्र में गजब है पाजिटिव सोच. नौ साल की आयु में सकारात्मक सोच का इतना बल मिला कि बच्चे ने एक बड़ी इतिहास रच डाली. तीन विश्व रिकार्ड कायम किया, खासकर वैसे समय में जब घर पर बैठे-बैठ लोगों के दिमाग में नकारात्मकता जन्म लेने लगी है. जी हां, हम बात कर रहे लाकडाउन अवधि की. इस अवधि को कुछ ने आरामतलबी में काटा, तो कुछ के खाली हाथ बैठने से मन नकारात्मक सोच घर कर रही है. लेकिन नौ साल के एक बच्चे ने अपनी सकारात्मक सोच में रंग भरकर सकारात्मक सोच के बलशाली होने का संदेश दुनिया को दे दिया. यह बालक कटक का हर्षिल अग्रवाल है. उसकी उम्र मात्र नौ साल बतायी जा रही है.

नौ साल के इस बालक ने अपनी सोच में इस कदर रंग भरी कि वह दूसरों के लिए एक लक्ष्मण रेखा बन गयी. इसकी सकारात्मक सोच की पेंटिंग ने चार विश्व रिकार्ड कायम किये, जिसमें गजब-गजब की सकारात्मक संदेश भरे थे. इस बालक की प्रतिभा ने न सिर्फ अपने शहर कटक का नाम रौशन किया है, बल्कि इसका पूरा श्रेय अपनी मां रिंकी अग्रवाल और पिता संजय अग्रवाल को देखकर अपनी प्रतिभा में और चार चांद लगा दिया. सोचिए इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल करने के बावजूद उनसे सीधा पूरा श्रेय अपने माता-पिता, गुरु सदाकत अली को देखकर कुछ इस तरह से बगल में खड़ा हो गया, जैसे मानों उसने कुछ किया ही नहीं हो. उसकी इसी सोच की अदा ने इतनी कम सयम एक नई ऊड़ान भर दी है.

उसके पिता संजय अग्रवाल ने बताया कि कोरोना के कारण 22 मार्च को देश में लाकडाउन शुरू हो गया था. इसके बाद सभी घरों में कैद हो गये, लेकिन हर्षिल अपनी रंगभरी दुनिया में मस्त हो गया. अपनी सकारात्मक सोच को उसने पन्नों पर उकेरते हुए अजब-गजब रंभ कर पूरी दुनिया को पाजिटिव थिंकिंग का मैसेज दिया. इन संदेशों की बदौल वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड्स लंदन ने कोरोना योद्धा के खिताब से इस नन्हें मार्ग दर्शक को नवाजा, जबकि यह बच्चा सिर्फ कक्षा पांचवीं का विद्यार्थी है.

हर्षिल की कला एक्सक्लूसिव बुक ऑफ रिकार्ड्स, इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स, वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड्स लंदन तथा ब्रावो इंटरनेशन बुक में अपना रिकॉर्ड बना चुकी है. संजय ने बताया कि गिनिज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स एवं अन्य और 3 वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी उनकी अर्जी प्रोसेस में आ चुकी है. बाल कलाकार की चित्रकला को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी सराहा है. संजय ने बताया कि स्थिति सामान्य होने पर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को भी हर्षिल अपनी चित्र भेंट करेगा.

इधर, हर्षिल की कामयाबी पर नाना नथमल चनानी ने खुशी जाहिर करते हुए अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की है. उन्होंने कहा कि सकारात्मक सोच सदैव सही दिशा मार्गदर्शित करती है. यह बालक भी सही दिशा में अग्रसर हो गया है. उन्होंने उम्मीद जतायी कि आने वाले समय में हर्षिल न सिर्फ परिवार, शहर का नाम रौशन करेगा, अपितु यह राज्य तथा देश को भी गौरव दिलाएगा.

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