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उपजिलाधिकारी की बैठक में निराशा लगी हाथ
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सेवक समुदाय ने की मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री की सहयोग की मांग
प्रमोद कुमार प्रुष्टि, पुरी
पुरी का बाबा श्री लोकनाथ जी का मंदिर राज्य में मशहूर है. मार्च महीने से कोरोना पाबंदी के चलते यहां पर श्रद्धालुओं को प्रवेश की अनुमति नहीं है. रोजाना प्रसाद व अन्य पूजा व्यवस्था में कुल 35000 रुपये खर्च किए जाते हैं, लेकिन जिला प्रशासन व ट्रस्ट बोर्ड की तरफ से चार महीना हो गया, कोई सहयोग नहीं मिल रहा है. इस बारे में हमारे संवाददाता को जानकारी देते हुए श्री लोकनाथ मंदिर सेवायत नियोग के महासचिव संतोष कुमार पंडा ने कहा कि हम लिखित रूप से लोकनाथ मंदिर ट्रस्ट बोर्ड के अध्यक्ष व पुरी के उपजिलाधिकारी भव तारण साहू को इस बारे में अप्रैल महीने से ही जानकारी प्रदान की है, लेकिन दुर्भाग्य की बात है जिला प्रशासन इसको नजरअंदाज करते हुए एक भी रुपये भी मंदिर संचालन में सहयोग के लिए नहीं दिया. इसके साथ मंदिर में सेवा कर रहे 85 परिवार के लिए भी कुछ भी सहयोग नहीं किया. सेवक परिवार मुश्किल में अपना जीवन निर्वाह कर रहे हैं. इसी तरह बाबा लोकनाथ जी का सेवा कार्य सेवायत नियोग अपने खर्चे से चार महीना से सेवा कार्य करते आ रहा है.
मंगलवार को उपजिलाधिकरी तथा ट्रस्ट बोर्ड के अध्यक्ष भव तारण साहू उनके साथ पुरी के तहसीलदार मंदिर कार्यालय में पहुंचे और सेवकों के साथ एक बैठक की. इस दौरान सभी समस्याओं के बारे में जानकारी हासिल की. इस दौरान सेवकों को सहयोग करने से हाथ खड़े कर लिये. हालांकि मंदिर संचालन के लिए सिर्फ 10,000 रुपये रोजाना दिए जाने की घोषणा की है. इससे सेवक समुदाय ने असंतोष जाहिर की है और बैठक में अपना पक्ष रखते हुए मंदिर संचालन करने के लिए जिला प्रशासन, राज्य सरकार व केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है. उपजिलाधिकारी ने बैठक में जानकारी देते हुए कहा कि हम इस बारे में जिलाधिकारी को जानकारी देंगे. आगे जो होगा देखा जायेगा, लेकिन वर्तमान परिस्थिति में सहयोग राशि 85 परिवार को देना संभव नहीं है. भगवान की नीति संचालन में 35,000 के स्थान पर सिर्फ 10,000 रोजाना के हिसाब से देने के लिए उपजिलाधिकारी राजी हुए, लेकिन सेवकों को लिखित रूप से यह जानकारी नहीं दी गयी. इसके कारण सेवक नियोग असंतोष व्यक्त किया है. इस बैठक में रवि नारायण पंडा, नियोग के अध्यक्ष चिंतामणि पंडा, दामोदर महापात्र, रघुनाथ पंडा, भीमसेन पंडा प्रमुख उपस्थित रहकर मंदिर संचालन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी उपजिलाधिकारी के सामने रखी. धैर्यपूर्वक उपजिलाधिकारी ने सबको सुना, लेकिन सेवकों के सामने कहा कि हम इससे ज्यादा कुछ नहीं कर पाएंगे. सेवकों ने कहा कि अगर नहीं कर पाएंगे तो आप रस्ते से हट जाइए. हम माननीय मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री से सहयोग लेने के लिए भी तैयार हैं, लेकिन हमारे बाबा श्री लोकनाथ नाथ जी का मंदिर में रोजाना पूजा विधि से होनी चाहिए.