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पिनाका एलआरजीआर का सफल उड़ान परीक्षण
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120 किलोमीटर मारक क्षमता वाले गाइडेड रॉकेट ने दिखाया सटीक प्रहार
बालेश्वर। भारत ने अपनी सटीक प्रहार और लंबी दूरी की तोपखाना क्षमता को और मजबूत करते हुए पिनाका लॉन्ग रेंज गाइडेड रॉकेट (एलआरजीआर-120) का पहला सफल उड़ान परीक्षण किया है। यह परीक्षण बालेश्वर जिले के चांदीपुर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (आईटीआर) में संपन्न हुआ।
परीक्षण के दौरान पिनाका एलआरजीआर को उसकी अधिकतम 120 किलोमीटर की रेंज तक दागा गया। उड़ान के दौरान रॉकेट ने सभी नियोजित इन-फ्लाइट मैन्युवर सफलतापूर्वक पूरे किए और लक्ष्य पर अत्यंत सटीकता के साथ प्रहार किया। यह जानकारी पीआईबी द्वारा जारी विज्ञप्ति में दी गई।
एक ही लॉन्चर से विभिन्न रेंज के रॉकेट दागने की क्षमता
एलआरजीआर को सेवा में मौजूद पिनाका लॉन्चर से दागा गया, जिससे यह सिद्ध हुआ कि एक ही लॉन्चर से पिनाका प्रणाली के विभिन्न रेंज वाले रॉकेट दागे जा सकते हैं। इससे प्रणाली की बहुपयोगिता और परिचालन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
डीआरडीओ संस्थानों की संयुक्त उपलब्धि
इस उड़ान परीक्षण का समन्वय आईटीआर और प्रूफ एंड एक्सपेरिमेंटल एस्टैब्लिशमेंट ने किया। परीक्षण के दौरान सभी रेंज उपकरणों ने रॉकेट की पूरी उड़ान को ट्रैक किया। पिनाका एलआरजीआर का डिजाइन आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट द्वारा हाई एनर्जी मटीरियल्स रिसर्च लैबोरेटरी के सहयोग से तैयार किया गया है, जिसमें डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट लैबोरेटरी और रिसर्च सेंटर इमारत का भी समर्थन रहा।
रक्षा मंत्री ने बताया गेम-चेंजर
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफलता पर डीआरडीओ और सभी सहयोगी संस्थानों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि लंबी दूरी के गाइडेड रॉकेटों का सफल विकास सशस्त्र बलों की क्षमता को कई गुना बढ़ाएगा और इसे रक्षा क्षेत्र में गेम-चेंजर बताया।
डीआरडीओ प्रमुख ने परीक्षण देखा
रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ समीर वी कामत ने स्वयं परीक्षण को देखा और मिशन उद्देश्यों की सफलता पर सभी टीमों को बधाई दी।
79 हजार करोड़ रुपये की रक्षा खरीद को मंजूरी
इसी दिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) की बैठक में करीब 79,000 करोड़ रुपये की रक्षा खरीद को मंजूरी दी गई। बैठक में थलसेना, नौसेना और वायुसेना के लिए विभिन्न प्रणालियों की आवश्यकता की स्वीकृति प्रदान की गई।
थलसेना, नौसेना और वायुसेना को नई क्षमताएं
थलसेना के लिए लॉइटर म्यूनिशन सिस्टम, लो लेवल लाइट वेट रडार, पिनाका प्रणाली के लिए लॉन्ग रेंज गाइडेड रॉकेट गोला-बारूद और अपग्रेडेड ड्रोन डिटेक्शन एवं इंटरडिक्शन सिस्टम एमके-दो को मंजूरी दी गई।
भारतीय नौसेना के लिए बोलार्ड पुल टग, हाई फ्रीक्वेंसी सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो, मैनपैक तथा हाई एल्टीट्यूड लॉन्ग रेंज रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट सिस्टम को लीज पर लेने की स्वीकृति मिली।
वहीं, भारतीय वायुसेना के लिए ऑटोमैटिक टेक-ऑफ लैंडिंग रिकॉर्डिंग सिस्टम, अस्त्र एमके-दो मिसाइल, फुल मिशन सिम्युलेटर और स्पाइस 1000 लॉन्ग रेंज गाइडेंस किट की खरीद को हरी झंडी दी गई।
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