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मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने किया ओएसडब्ल्यूएएलआई का शुभारंभ
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स्कूबा कॉम्प्लेक्स की आधारशिला भी रखी
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पर्यटन और अग्निशमन विभाग के बीच अहम समझौते
भुवनेश्वर। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने शुक्रवार को कोणार्क में ओडिशा के पहले ओडिशा वाटरमैनशिप एंड लाइफगार्ड इंस्टीट्यूट (ओएसडब्ल्यूएएलआई) का उद्घाटन किया। यह राष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण संस्थान जल सुरक्षा, तटीय आपदा प्रबंधन और जीवन रक्षक कौशल को मजबूत करेगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अत्याधुनिक स्कूबा प्रशिक्षण परिसर की आधारशिला भी रखी।
कार्यक्रम के दौरान ओडिशा पर्यटन विभाग और अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाएं विभाग के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। इसके अलावा, पर्यटन विभाग, अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाएं विभाग और गोवा स्थित राष्ट्रीय जल क्रीड़ा संस्थान के बीच त्रिपक्षीय समझौता भी हुआ। इन समझौतों का उद्देश्य जल क्रीड़ा सुरक्षा मानकों का विकास, पेशेवर लाइफगार्ड प्रशिक्षण, क्षमता निर्माण और राज्य में साहसिक एवं तटीय पर्यटन को बढ़ावा देना है।
जल रक्षक कौशल का प्रभावशाली प्रदर्शन
कार्यक्रम के दौरान अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाओं के प्रशिक्षित कर्मियों ने जलमैनशिप का शानदार प्रदर्शन किया। इसमें बचाव और जीवन रक्षक तकनीकों के साथ-साथ तटीय आपातकालीन स्थितियों से निपटने की तैयारियों का जीवंत प्रदर्शन किया गया।
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय केंद्र बनेगा ओएसडब्ल्यूएएलआई: मुख्यमंत्री
उपमुख्यमंत्री एवं पर्यटन मंत्री प्रभाती परिडा भी इस अवसर पर उपस्थित रहीं। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में पंडित नीलकंठ दास की प्रसिद्ध कविता ‘रामचंडी रे संध्या’ का उल्लेख करते हुए कहा कि ओएसडब्ल्यूएएलआई जल सुरक्षा, लाइफगार्ड प्रशिक्षण और तटीय लचीलापन के क्षेत्र में एक समर्पित राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय केंद्र के रूप में उभरेगा। उन्होंने कहा कि यह संस्थान प्राकृतिक आपदाओं और जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न बढ़ते जोखिमों से निपटने में ओडिशा की क्षमता को और सुदृढ़ करेगा।
12 करोड़ की लागत से तैयार आधुनिक परिसर
रामचंडी पीठ के निकट अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाएं विभाग द्वारा 12 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित इस संस्थान में 100 प्रशिक्षुओं के रहने की व्यवस्था वाले बैरक, अधिकारियों के लिए मेस, प्रशासनिक भवन और कैंटीन शामिल हैं। प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में तैराकी, पावर-बोट संचालन, समुद्र एवं स्थिर जल सुरक्षा, स्कूबा डाइविंग और गहरे पानी में गोताखोरी शामिल है।
देशभर के बलों को मिलेगा प्रशिक्षण
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह संस्थान देशभर के अग्निशमन कर्मियों, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों, एनडीआरएफ, पुलिस, होमगार्ड और आपदा के दौरान बचाव कार्यों से जुड़े स्वयंसेवकों को प्रशिक्षण देगा। उन्होंने कहा कि नौसेना के अलावा यह देश का पहला ऐसा संस्थान है, इसलिए इसे राष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण केंद्र कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी।
स्कूबा प्रशिक्षण के लिए 10 करोड़ अतिरिक्त स्वीकृत
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि स्कूबा प्रशिक्षण सुविधा को और सशक्त बनाने के लिए 10 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि स्वीकृत की गई है। वर्तमान में नागालैंड, उत्तराखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के प्रशिक्षु यहां प्रशिक्षण ले रहे हैं। हाल ही में एनडीआरएफ कर्मियों को स्कूबा और नौसेना कर्मियों को अग्निशमन प्रशिक्षण भी दिया गया है।
साहसिक पर्यटन को मिलेगा नया आयाम
मुख्यमंत्री ने पर्यटन और अग्निशमन विभाग के बीच हुए समझौते को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि राज्य सरकार ने हाल ही में साहसिक खेल नीति अपनाई है। इस संस्थान की स्कूबा प्रशिक्षण सुविधा का उपयोग कर पर्यटक भी स्कूबा डाइविंग का अनुभव कर सकेंगे।
ओएसडब्ल्यूएएलआई के शुभारंभ के साथ ही ओडिशा जल सुरक्षा, आपदा प्रबंधन और तटीय पर्यटन के क्षेत्र में राष्ट्रीय मानचित्र पर नई पहचान बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम आगे बढ़ा है।
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