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शोक प्रस्ताव पारित होने के बाद प्रथमार्ध की कार्यवाही स्थगित
भुवनेश्वर। गुरुवार से ओडिशा विधानसभा का शीतकालीन सत्र औपचारिक रूप से आरंभ हो गया। सत्र के पहले दिन दिवंगत विधायकों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करने हेतु शोक प्रस्ताव पारित किया गया, जिसके बाद सदन की प्रथमार्ध बैठक स्थगित कर दी गई। अपराह्न में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विधानसभा को संबोधित किया।
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विधानसभा अध्यक्ष सुरमा पाढ़ी ने सदन के नेता एवं मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी को शोक प्रस्ताव प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किया। मुख्यमंत्री ने पूर्व सदस्यों हेमेन्द्र महापात्र, कृष्णचंद्र मल्लिक एवं पूर्व कांस्टेबल सरोज प्रधान के लिए शोक प्रस्ताव रखा।
मुख्यमंत्री द्वारा लाए गए शोक प्रस्ताव का विपक्ष के नेता नवीन पटनायक, कांग्रेस विधायक दल नेता रामचंद्र काड़ाम तथा सीपीआई (एम) विधायक लक्ष्मण मुंडा ने समर्थन किया। इसके बाद अध्यक्ष ने दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए 1 मिनट का मौन रखने का निर्देश दिया। मौन के बाद सदन की कार्यवाही को शाम 4:30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
उल्लेखनीय है कि शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन, अर्थात 28 नवंबर को वर्ष 2025-26 के लिए प्रथम अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया जाएगा। बजट की अनुदान मांगों पर चर्चा के बाद 8 दिसंबर को व्यय मंजूरी विधेयक पारित होने की संभावना है। इस शीतकालीन सत्र में कुल 29 कार्य दिवस निर्धारित किए गए हैं।
सत्र को सुचारु रूप से संचालित करने के उद्देश्य से विधानसभा अध्यक्ष ने बुधवार को सर्वदलीय बैठक आहूत की थी। बैठक में मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, उपमुख्यमंत्री कनकवर्धन सिंहदेव, संसदीय कार्य मंत्री मुकेश महालिंग, पुल निर्माण मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन, मुख्य सचेतक सरोज प्रधान, वरिष्ठ विधायक जयनारायण मिश्र, बीजद मुख्य सचेतक प्रमिला मल्लिक एवं कांग्रेस विधायक दल नेता रामचंद्र कडाम उपस्थित थे। अध्यक्ष ने सभी दलों से सदन की कार्यवाही में सहयोग की अपील की।
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