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ओडिशा सतर्क, सरकार ने पूरी तैयारी की
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दक्षिण अंडमान सागर में दो निम्न दबाव के क्षेत्रों के जुड़कर मजबूत होने की आशंका
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तमिलनाडु–आंध्र में भारी वर्षा का अलर्ट
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ओडिशा पर फिलहाल कम प्रभाव दिखने की संभावना
भुवनेश्वर। बंगाल की खाड़ी में बना निम्न दबाव का क्षेत्र तेजी से सक्रिय होता जा रहा है और मौसम विभाग के अनुसार 26 नवंबर तक यह चक्रवाती तूफान ‘सेन्यार’ का रूप ले सकता है। मलक्का जलडमरूमध्य और दक्षिण अंडमान सागर के ऊपर बन रहे दो अलग-अलग सिस्टमों के जुड़कर मजबूत होने की आशंका ने तटीय राज्यों में सतर्कता बढ़ा दी है।
सोमवार को सुबह 8.30 बजे मलेशिया और उससे सटे मलक्का स्ट्रेट पर बना एक साफ़ लो-प्रेशर सिस्टम अगले 24 घंटों में डिप्रेशन में बदल सकता है और उसके बाद के 48 घंटों में और मजबूत होकर चक्रवाती तूफान बन सकता है।
इसी बीच, ओडिशा सरकार ने साफ कहा है कि किसी भी संभावित परिस्थिति से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरह तैयार है और आईएमडी से प्राप्त होने वाले नए पूर्वानुमान के आधार पर आगे की रणनीति तय होगी।
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने बताया कि दोनों निम्न दबाव के क्षेत्र समुद्र के गर्म हिस्सों में आगे बढ़ते हुए एक-दूसरे से मिल सकते हैं। यह सिस्टम अभी ओडिशा तट से लगभग 1000 किलोमीटर दूर है। मंत्री ने कहा कि चक्रवात बने या न बने, राज्य मशीनरी को पूरी तरह तैयार रखा गया है और घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है।
आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि आज डिप्रेशन के बाद हर छह घंटे में अपडेट जारी किए जाएंगे और चक्रवात बनने की स्थिति में यह अंतराल तीन घंटे का हो जाएगा। उन्होंने कहा कि सिस्टम की सटीक दिशा और अधिकतम तीव्रता के बारे में अभी कुछ भी अंतिम रूप से नहीं कहा जा सकता।
ओडिशा में बारिश की कोई चेतावनी नहीं
ताजा बन रहे मौसम सिस्टम अभी ओडिशा के समुद्र तट से दूर हैं। अगले सात दिनों तक राज्य में बारिश की कोई चेतावनी नहीं है। मौजूदा सूखे मौसम के बीच, राज्य में पांच दिनों के बाद रात के तापमान में 2-3 डिग्री की गिरावट देखी जा सकती है।
संयुक्त अरब अमीरात ने दिया नाम
विश्व मौसम विज्ञान संगठन की सूची के अनुसार, यदि यह चक्रवात बनता है तो इसका नाम ‘सेन्यार’ होगा, जिसे संयुक्त अरब अमीरात ने दिया है। यह मानसून के बाद बंगाल की खाड़ी में बनने वाला इस वर्ष का दूसरा चक्रवात होगा। इससे पहले चक्रवात ‘मोंथा’ 28 अक्टूबर को आंध्र प्रदेश के तट से टकराया था।
दक्षिण भारतीय राज्यों में भारी वर्षा का अलर्ट
आईएमडी ने तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में भारी से बहुत भारी वर्षा की चेतावनी दी है। दक्षिण अंडमान सागर और आसपास के समुद्री क्षेत्रों में तेज हवाओं, ऊंची लहरों और खराब मौसम का अलर्ट जारी है। निकोबार के पास हवा की गति 35-45 किमी प्रति घंटे के बीच रहने और झोंकों में 55 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने की आशंका है, जो 25 नवंबर को 65 किमी प्रति घंटे तक बढ़ सकती है। मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह जारी की गई है।
ओडिशा पर प्रभाव फिलहाल कम
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि नवंबर के अंत में बनने वाले अधिकतर चक्रवात तमिलनाडु या दक्षिण आंध्र प्रदेश की ओर बढ़ते हैं। इस कारण ओडिशा पर बड़े प्रभाव की संभावना कम है। हालांकि, मंत्री सुरेश पुजारी ने सावधानी बरतते हुए कहा कि चक्रवातों का मार्ग अचानक बदल सकता है, जैसा कि पिछली बार देखा गया था। उन्होंने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने और आधिकारिक अपडेट का इंतजार करने की अपील की।
अन्य एजेंसियों ने भी जताई चक्रवात की आशंका
अंतरराष्ट्रीय मौसम एजेंसियों और निजी पूर्वानुमान संस्थानों ने भी बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती सिस्टम बनने की संभावना जताई है। वरिष्ठ मौसम विज्ञानी जेसन निकोल्स और स्काइमेट के जीपी शर्मा ने संकेत दिया है कि यह सिस्टम दक्षिण भारतीय राज्यों पर प्रभाव डालने के बाद पश्चिम बंगाल या बांग्लादेश की ओर भी बढ़ सकता है, हालांकि अभी स्पष्ट दिशा बताना जल्दबाजी होगा।
बंगाल की खाड़ी में चक्रवात बनने के लिए अनुकूल माहौल
समुद्र का अधिक तापमान, अनुकूल हवा और वातावरण में अस्थिरता इस समय बंगाल की खाड़ी में चक्रवात बनने के लिए अनुकूल माहौल तैयार कर रही है। सभी एजेंसियों की नजर अब आईएमडी के विस्तृत पूर्वानुमान पर है।
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