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भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में चमका ओडिशा का हुनर

  •     ग्रामीण उत्पाद बने आकर्षण के केंद्र

  •     ओआरएमएएस और मिशन शक्ति की महिला समूहों ने दिखाई आत्मनिर्भर भारत की ताकत

  •     नौ दिनों में 13 लाख से अधिक की बिक्री

नई दिल्ली/भुवनेश्वर। नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में आयोजित 44वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले 2025 में ओडिशा पविलियन इस बार बेहद खास आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। पंचायती राज एवं पेयजल विभाग के तहत कार्यरत ओडिशा ग्रामीण विकास और विपणन सोसाइटी (ओआरएमएएस) और मिशन शक्ति की ओर से ग्रामीण महिलाओं द्वारा तैयार किए गए उत्पादों ने न केवल देश-विदेश के आगंतुकों का ध्यान खींचा, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की भावना ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ को भी मजबूती से प्रदर्शित किया।

मेले के पहले नौ दिनों में ओडिशा पविलियन के विभिन्न स्टॉलों पर तेरह लाख रुपये से अधिक की बिक्री दर्ज की गई है। इसके साथ ही कई राज्यों और देशों के सरकारी तथा निजी संस्थानों के साथ सफल व्यावसायिक चर्चाएं भी हुई हैं, जिससे भविष्य में बड़े पैमाने पर उत्पादन एवं विपणन के अवसरों के बनने की संभावनाएँ बढ़ गई हैं।

ओआरएमएएस के छह और मिशन शक्ति के चार स्टॉल

ओडिशा पविलियन में ओआरएमएएस के छह और मिशन शक्ति के चार स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें ग्रामीण महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित हस्तशिल्प और उपयोगी घरेलू वस्तुएं प्रदर्शित और बेची जा रही हैं। विशेष रूप से लौकी से बने सजावटी और दैनिक उपयोग के उत्पाद, ढेंकानाल का डोकरा शिल्प, बालेश्वर का लाख आभूषण, नयागढ़ का प्रसिद्ध छेना पोड़ा, जाजपुर के गौरव तसर हैंडलूम कपड़े और पुरी की इको-फ्रेंडली नारियल रेशा आधारित वस्तुएं आगंतुकों को खूब आकर्षित कर रही हैं।

रघुराजपुर की पट्टचित्र कला भी पसंद आई

इसके अलावा मिशन शक्ति के स्टॉलों पर रघुराजपुर की पट्टचित्र कला, केंद्रापड़ा का गोल्डन ग्रास उत्पाद, नवरंगपुर की धान शिल्पकला और केंदुझर की पेपर मेशी कला भी विशेष रूप से लोगों की पसंद बन रही है। पविलियन में तैयार किए जा रहे उत्पादों की लाइव डेमो प्रस्तुति भी आगंतुकों का ध्यान खींच रही है।

लौकी से बनी हस्तशिल्प वस्तुएं सबसे बड़ी आकर्षण बनी

14 से 22 नवंबर तक ओआरएमएएस के स्टॉलों पर सात लाख रुपये से अधिक का व्यवसाय दर्ज किया गया है, जबकि मिशन शक्ति के स्टॉल लगभग छह लाख रुपये की बिक्री तक पहुंच चुके हैं। खास तौर पर रायगड़ा की प्रेरणा स्वयं सहायता समूह द्वारा लाई गई लौकी से बनी हस्तशिल्प वस्तुएं सबसे बड़ी आकर्षण बनी हैं। इस समूह ने नई दिल्ली की रुद्रशील प्रोडक्ट्स नामक कंपनी से व्यावसायिक समझौते के लिए प्रारंभिक चर्चाएं भी की हैं।

बड़े पैमाने पर उत्पादन और विपणन की संभावनाओं पर चर्चा

व्यापार मेले में विभिन्न राज्यों के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, केंद्र सरकार के प्रतिनिधि और कई व्यावसायिक संगठनों के सदस्य ओडिशा पविलियन का दौरा कर रहे हैं। उन्होंने उत्पादों की गुणवत्ता और विविधता की सराहना करते हुए इनके बड़े पैमाने पर उत्पादन और विपणन की संभावनाओं पर चर्चा की है।

ओडिशा पविलियन इस बार न केवल ग्रामीण और पारंपरिक कला की झलक दिखा रहा है, बल्कि यह संदेश भी दे रहा है कि यदि अवसर दिया जाए तो महिला स्वयं सहायता समूह न केवल आर्थिक रूप से सक्षम बन सकते हैं बल्कि वैश्विक बाजार में भी अपनी पहचान मजबूत कर सकते हैं।

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