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चुनाव से पहले प्रशासनिक कार्रवाई पर बीजद ने उठाए सवाल
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मजिस्ट्रेट की गाड़ी को रोकने की कोशिश की
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कहा- सत्ता के दबाव में की जा रही कार्रवाई
नुआपड़ा। उपचुनाव से ठीक पहले नुआपड़ा विधानसभा क्षेत्र में शुक्रवार को बड़ा राजनीतिक हंगामा देखने को मिला। खरियार रोड स्थित बीजद के स्टार प्रचारक और पूर्व मंत्री प्रतीरंजन घड़ेई के किराए के मकान पर एक मजिस्ट्रेट और सशस्त्र पुलिस बल ने छापा मारा। हालांकि, तलाशी में कोई आपत्तिजनक वस्तु या नकदी बरामद नहीं हुई, लेकिन इस कार्रवाई ने राजनीतिक माहौल को गर्मा दिया है।
बीजद नेताओं ने छापे की नीयत और समय पर गंभीर सवाल उठाते हुए इसे चयनात्मक कार्रवाई करार दिया। उन्होंने मजिस्ट्रेट की गाड़ी को रोकने की कोशिश की और पूछा कि यह छापा किसके आदेश पर मारा गया। बीजद कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि यदि भाजपा नेताओं के खिलाफ शिकायत की जाती, तो क्या प्रशासन इतनी ही तत्परता दिखाता?
बिना सर्च वारंट के मारा छापा – देवी प्रसाद मिश्र
बीजद के वरिष्ठ नेता देवी प्रसाद मिश्र ने कहा कि यह छापा बिना किसी सर्च वारंट और वैध कारण के मारा गया। छापा मारने वाली टीम ने दावा किया कि वे निर्वाचन आयोग के आदेश पर कार्रवाई कर रहे हैं, लेकिन वे कोई आधिकारिक आदेश नहीं दिखा सके। टीम में मौजूद एक अधिकारी घड़ेई के घर पहुंचे, जब वे प्रचार के लिए अपने पंचायत क्षेत्र में थे।
तलाशी के दौरान लात मारने का आरोप
मिश्र ने आगे कहा कि घर में मौजूद व्यक्ति ने केवल बनियान पहनने के लिए समय मांगा, लेकिन अनुमति नहीं दी गई। तलाशी के दौरान जब उसने पानी मांगा, तो उसे लात मारी गई। यह पूरी तरह अमानवीय व्यवहार है। बीजद ऐसी बर्बर कार्रवाई की निंदा करती है।
तलाशी में कुछ भी बरामद नहीं
हालांकि तलाशी में कुछ भी बरामद नहीं हुआ, लेकिन बीजद नेताओं ने आरोप लगाया कि छापे का मकसद केवल चुनावी माहौल को प्रभावित करना और विपक्षी नेताओं को डराना है। वहीं, स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, प्रशासन को सूचना मिली थी कि घड़ेई के किराए के घर में भारी मात्रा में नकदी रखी गई है। इसी आधार पर यह तलाशी की गई।
कांग्रेस कार्यालय पर भी चला था तलाशी अभियान
इससे पहले, पुलिस ने नुआपड़ा में कांग्रेस कार्यालय पर भी तलाशी अभियान चलाया था, जिस पर विपक्षी दलों ने प्रशासन की निष्पक्षता पर सवाल उठाए थे।
उपचुनाव बीजद के लिए प्रतिष्ठा और परंपरा की लड़ाई
यह उपचुनाव पूर्व बीजद विधायक राजेंद्र ढोलकिया के निधन के बाद हो रहा है। दिलचस्प बात यह है कि ढोलकिया के पुत्र जय ढोलकिया, जिन्हें पहले बीजद उम्मीदवार माना जा रहा था, उन्होंने पाला बदलकर भाजपा का दामन थाम लिया और अब भाजपा प्रत्याशी हैं। बीजद ने इस चुनौती का मुकाबला करने के लिए पूर्व मंत्री और दो बार आट्टाबिरा विधायक रह चुकी स्नेहांगिनी छुरिया को उम्मीदवार बनाया है। पार्टी को उम्मीद है कि वे अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं के साथ-साथ महिलाओं के वोट बैंक को भी साध सकेंगी। कांग्रेस ने अपने पुराने उम्मीदवार घासीराम माझी को मैदान में उतारा है, जो नुआपड़ा से पहले भी पांच बार चुनाव लड़ चुके हैं, पर जीत नहीं पाए। इस उपचुनाव को बीजद के लिए प्रतिष्ठा और परंपरा की लड़ाई माना जा रहा है, जबकि यह मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी के नेतृत्व में राज्य में भाजपा सरकार बनने के बाद पहला चुनावी परीक्षण है। कांग्रेस के लिए भी यह चुनाव राज्य में अपनी राजनीतिक वापसी की कोशिश का अहम मौका है।
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