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भारत की बुनाई विरासत और भविष्य की दृष्टि को मिला मंच
भुवनेश्वर। भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय की ओर से आयोजित राष्ट्रीय हथकरघा एवं हस्तशिल्प सम्मेलन का शुभारंभ आज भुवनेश्वर स्थित होटल ताज विवांता में हुआ। यह दो दिवसीय सम्मेलन भारत की समृद्ध बुनाई परंपराओं को प्रदर्शित करने के साथ-साथ हस्तशिल्प और हथकरघा क्षेत्र में नवाचार, ज्ञान-साझाकरण, बाजार विस्तार और राज्यों के बीच सहयोग के माध्यम से भविष्य की विकास संभावनाओं की खोज पर केंद्रित है।
सम्मेलन का उद्घाटन ओडिशा के मुख्य सचिव मनोज आहूजा ने किया। उन्होंने भारत की गौरवशाली वस्त्र विरासत का उल्लेख करते हुए कहा कि शिल्पकार समुदायों के बीच नवाचार, समावेशन और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयास आवश्यक हैं।
वस्त्र मंत्रालय की हस्तकरघा आयुक्त वीणा कुमारी मीना और हस्तशिल्प आयुक्त सुश्री अमृत राज ने उद्घाटन सत्र में कहा कि भारत का लक्ष्य पारंपरिक शिल्प क्षेत्रों को सशक्त बनाना, कारीगरों की आजीविका में सुधार लाना और भारतीय हथकरघा एवं हस्तशिल्प को वैश्विक स्तर पर सततता और समावेशी विकास के प्रतीक के रूप में स्थापित करना है।
ओडिशा सरकार की हस्तशिल्प, हथकरघा और वस्त्र विभाग की आयुक्त-सह-सचिव श्रीमती गुहा पूनम तपस कुमार ने स्वागत भाषण में राज्य सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई कि ओडिशा अपने बुनकरों और कारीगरों को परंपरा और तकनीक के संगम के माध्यम से सशक्त बनाने की दिशा में निरंतर काम कर रहा है।
उद्घाटन के बाद विभिन्न विषयगत सत्रों में राज्यों की सर्वोत्तम पहलें प्रस्तुत की गईं, जिनमें बाजार संपर्क, क्लस्टर विकास, अवसंरचना, कल्याण, कौशल संवर्धन और कच्चे माल की आपूर्ति जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर चर्चा हुई।
पहले सत्र “मार्केट कनेक्ट: विस्तार और ब्रांड निर्माण” में असम, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की प्रस्तुतियों ने दिखाया कि कैसे राज्यों की पहलें स्थानीय कारीगरों के उत्पादों को राष्ट्रीय और वैश्विक पहचान दिला रही हैं।
आगामी सत्रों में क्लस्टर आधारित विकास (आंध्र प्रदेश, कर्नाटक), क्राफ्ट विलेज और अवसंरचना (मध्य प्रदेश, ओडिशा, मेघालय, नागालैंड) तथा कल्याण और कौशल विकास कार्यक्रमों (तमिलनाडु, ओडिशा, हिमाचल प्रदेश) पर चर्चा होगी।
सम्मेलन का समापन ओपन हाउस डिस्कशन से होगा, जिसमें नीति निर्माताओं, कारीगरों और हितधारकों के बीच सीधा संवाद स्थापित कर भारत के हथकरघा और हस्तशिल्प क्षेत्र के भविष्य को लेकर भागीदारी आधारित विचार-विमर्श किया जाएगा।
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