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हिन्दी को बचाने के लिए क्षेत्रीय भाषाओं को सशक्त करना जरूरी – विश्व हिन्दी परिषद

  •     राजभवन, ओडिशा में 2 नवंबर को होगा विशेष सम्मान समारोह व कवि सम्मेलन

  •     राज्यपाल डॉ हरि बाबू कंभमपाटी होंगे मुख्य अतिथि

भुवनेश्वर। हिन्दी भाषा की समृद्धि और संवर्धन को समर्पित विश्व हिन्दी परिषद, ओडिशा प्रांत ने आह्वान किया है कि हिन्दी को बचाने के लिए क्षेत्रीय भाषाओं को भी समान रूप से सशक्त बनाना होगा। परिषद ने कहा कि देश से अंग्रेजी से ज्यादा “अंग्रेजियत” को खत्म करना है। इसके लिए कार्यों से लेकर दैनिक जीवन तक हिन्दी और भारतीय भाषाओं के प्रयोग को बढ़ावा देना होगा।

उक्त बातें मीडिया से बातचीत करते हुए विश्व हिन्दी परिषद के केंद्रीय महासचिव विपिन कुमार ने कहीं। उन्होंने कहा कि हिन्दी केवल एक भाषा नहीं, बल्कि भारत की आत्मा की आवाज है। उन्होंने कहा कि जब तक हम अपनी मातृभाषा और क्षेत्रीय भाषाओं का सम्मान नहीं करेंगे, तब तक हिन्दी भी सुरक्षित नहीं रह सकती। उन्होंने वैश्विक बाजार में हिन्दी की बढ़ती उपयोगिता और सांस्कृतिक पहचान पर भी प्रकाश डाला।

राजभवन में होगा हिन्दी-ओड़िया का संगम

भाषा समृद्धि और सांस्कृतिक एकता को समर्पित  यह विशेष आयोजन  2 नवम्बर 2025 को शाम 3:00 बजे ओडिशा राजभवन में किया जाएगा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ओडिशा के महामहिम राज्यपाल डॉ हरि बाबू कंभमपाटी होंगे। यह कार्यक्रम दो सत्रों में संपन्न होगा। प्रथम सत्र में अतिथियों का अभिवादन, मार्गदर्शन और सम्मान समारोह होगा, जबकि द्वितीय सत्र में सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं कवि सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।

हिन्दी और क्षेत्रीय भाषाओं के एकीकरण पर जोर

केंद्रीय उपाध्यक्ष देवी प्रसाद मिश्र ने हिन्दी के व्यापक प्रयोग पर बल देते हुए कहा कि हमें हर क्षेत्रों में हिन्दी का प्रयोग बढ़ाना चाहिए। वहीं ओडिशा प्रदेश अध्यक्ष और कवि विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि ओडिशा में हिन्दी के विकास की अपार संभावनाएं हैं। हिन्दी और ओड़िया का सम्मिलन हमारी भाषायी एकता की नई पहचान बनेगा। उन्होंने सभी हिन्दीसेवियों से राजभवन में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में भाग लेने का आह्वान किया।

प्रदेश उपाध्यक्ष मनीष पांडेय ने भी कहा कि हिन्दी के प्रयोग को जीवन के हर क्षेत्र में अपनाना समय की मांग है। उन्होंने युवाओं से हिन्दी लेखन, वाचन और संवाद को प्रोत्साहित करने की अपील की। इस मौके पर परिषद की ओर से अभिलाषा मिश्रा तथा भगवान बेहरा भी उपस्थित थे।

परिषद को मिली केंद्र सरकार की मान्यता

गौरतलब है कि विश्व हिन्दी परिषद को राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा हिन्दी सलाहकार समिति के रूप में नामांकित किया गया है। यह संस्था लोकमंगल और सर्वकल्याण की भावना के साथ भारतीय भाषा और संस्कृति के उत्थान के लिए कार्यरत है।

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