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पत्नी प्रियंका मरांडी के साथ कुआखाई नदी तट पर उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर बढ़ाया श्रद्धा और आस्था का सम्मान
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मुख्यमंत्री की मौजूदगी ने छठव्रतियों के उत्साह को किया दोगुना
भुवनेश्वर। प्रकृति और आस्था का चार दिवसीय महापर्व छठ पूजा का समापन मंगलवार सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ हुआ, लेकिन इस बार का छठ ओडिशा के इतिहास में हमेशा याद किया जाएगा। पहली बार किसी मुख्यमंत्री ने आम श्रद्धालु की तरह नदी घाट पर खड़े होकर पूजा में हिस्सा लिया। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने अपनी पत्नी प्रियंका मरांडी के साथ भुवनेश्वर के न्यू बालियात्रा कुआखाई नदी घाट पर पहुंचकर उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया और व्रतियों को शुभकामनाएं दीं।
मुख्यमंत्री की उपस्थिति से घाट पर उमड़े श्रद्धालुओं में उत्साह और भक्ति का माहौल दोगुना हो गया। लोगों ने मुख्यमंत्री पर पुष्पवर्षा कर उनका स्वागत किया। मुख्यमंत्री सोमवार रात मुंबई दौरे से लौटने के बाद मंगलवार तड़के लगभग पांच बजे घाट पर पहुंचे। इस दौरान कार्यक्रम स्थल पर बिस्वास संगठन के अध्यक्ष इंजीनियर राजकुमार, उपाध्यक्ष अजय बहादुर सिंह, सचिव अशोक भगत, संयुक्त सचिव आनंद मोहन, महिला मंडल अध्यक्ष मधु त्रिपाठी, मुख्य पुजारी महारुद्र झा, डीएस त्रिपाठी, चंद्रशेखर सिंह, विद्या मिश्रा, संजय झा और शंकर यादव सहित कई गणमान्य उपस्थित थे।
राज्य की सुख-समृद्धि की कामना की
अर्घ्य बेला में मुख्यमंत्री माझी ने घाट में उतरकर अपनी पत्नी के साथ जल अर्पित किया और भगवान भास्कर तथा छठ मैया से राज्य की सुख-समृद्धि की कामना की। उन्होंने नदी में उतर कर फलों से सजे सूप और भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर छठव्रतियों के आस्था और उत्साह को दोगुना कर दिया।
छठ महापर्व की गरिमा बढ़ाई
इस ऐतिहासिक अवसर ने ओडिशा में न केवल छठ महापर्व की गरिमा बढ़ाई, बल्कि मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने आम श्रद्धालुओं के बीच खड़े होकर एक नई परंपरा की नींव रखी- जनता के बीच से जुड़ने और आस्था का सम्मान करने की परंपरा।
कोई भी मुख्यमंत्री नहीं हुआ था शामिल
उल्लेखनीय है कि ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर और कटक समेत राज्यभर में लगभग 40-50 सालों से छठ पूजा का आयोजन किया जा रहा है, लेकिन आज तक एक भी मुख्यमंत्री ने इस आयोजन में हिस्सा नहीं लिया था।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
मुख्यमंत्री के दौरे को देखते हुए घाट पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। पूरी रात प्रशासनिक और दमकल टीमें मुस्तैद रहीं। भुवनेश्वर के पुलिस आयुक्त एस देवदत्त सिंह और डीसीपी जगमोहन मीना ने सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया था और सुनिश्चित किया कि श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो। कार्यक्रम के अंत में बिस्वास संगठन के अध्यक्ष इंजीनियर राजकुमार ने सभी सदस्यों और प्रशासनिक अधिकारियों के सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।
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