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राज्य सरकार ने की तैयारियों की समीक्षा
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राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री ने की उच्चस्तरीय बैठक
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जिलों को अलर्ट पर रखा गया
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तटीय क्षेत्रों में मछुआरों को समंदर में जाने से रोकने के निर्देश
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जल संसाधन, पंचायती राज, कृषि और ऊर्जा विभागों को उच्च सतर्कता पर रखा गया
भुवनेश्वर। बंगाल की खाड़ी में बन रहे संभावित चक्रवात मॉनथा को लेकर ओडिशा सरकार ने तैयारी के स्तर को और तेज कर दिया है। भले ही इस चक्रवात के आंध्र प्रदेश तट पर टकराने की संभावना जताई गई है, लेकिन इसके प्रभाव से ओडिशा के कम से कम 15 जिलों के प्रभावित होने का अनुमान लगाया गया है। राज्य के दक्षिणी और तटीय हिस्सों में इसका अधिक असर रहने की संभावना है।
राज्य के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने शनिवार को उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने बताया कि जल संसाधन, पंचायती राज, कृषि और ऊर्जा विभागों को उच्च सतर्कता पर रखा गया है ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके।
सभी संभावनाओं के अनुसार तैयारी पूरी – मंत्री
मंत्री ने कहा कि भले ही चक्रवात की दिशा बदल जाए, हमने सभी संभावनाओं के अनुसार तैयारी पूरी कर ली है। पिछले अनुभवों से हमने यह सुनिश्चित किया है कि हर विभाग और जिला प्रशासन समन्वय के साथ त्वरित प्रतिक्रिया दे सके। उन्होंने आगे कहा कि यदि किसी क्षेत्र में जलभराव या लोगों के फंसने की स्थिति बनती है, तो वहां पके भोजन की व्यवस्था की जाएगी। जनजीवन की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
तटीय क्षेत्रों में सतर्कता और चेतावनी जारी
पारादीप में मत्स्य विभाग और तटीय पुलिस द्वारा मछुआरों के लिए चेतावनी जारी की गई है। सार्वजनिक घोषणाओं के माध्यम से उन्हें 25 से 29 अक्टूबर तक समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है। जो मछुआरे पहले से समुद्र में हैं, उन्हें तुरंत तट पर लौटने को कहा गया है। पारादीप नेहरू बंगला फिशिंग हार्बर, अथरबांकी, संधाकुड, नुआबाजार और चौमुहानी क्षेत्रों में लाउडस्पीकर से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।
समीक्षा बैठक में हुई समीक्षा और दिशा-निर्देश जारी
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई समीक्षा बैठक में सभी जिलाधिकारियों और वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। राज्य आपदा राहत आयुक्त (एसआरसी) ने सभी कलेक्टरों को निर्देश दिया कि चक्रवात शरणालयों की स्थिति की जांच की जाए और सूखे खाद्य पदार्थों का पर्याप्त भंडारण सुनिश्चित किया जाए।
28 और 29 को ओडिशा होगा प्रभावित
मंत्री पुजारी ने बताया कि वर्तमान में निम्न दबाव का क्षेत्र अंडमान के पास गहराते हुए डिप्रेशन में बदल चुका है, जो लगभग 1,000 किलोमीटर दूर है और पश्चिम-उत्तर दिशा में आगे बढ़ रहा है। मौसम विभाग इस प्रणाली पर लगातार नजर रखे हुए है। दबाव का क्षेत्र धीरे-धीरे चक्रवात में परिवर्तित हो रहा है और इसकी गति भी बढ़ रही है। इस चक्रवात के 28 और 29 अक्तूबर को ओडिशा के विभिन्न हिस्सों को प्रभावित करने की संभावना है। संभावित रूप से प्रभावित जिलों में गंजाम, गजपति, कोरापुट, मालकानगिरि, रायगड़ा, पुरी, खुर्दा, जगतसिंहपुर, केंद्रापड़ा और भद्रक शामिल हैं।
अधिकारियों की छुट्टियां हो सकती हैं रद्द
राज्य आपदा राहत आयुक्त देवरंजन सिंह ने कहा कि जिला प्रशासन और संबंधित विभागों के साथ समन्वय बैठकें पहले ही की जा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि जैसा कि पहले भी देखा गया है, चक्रवात की दिशा बदल सकती है। स्थिति के अनुसार संसाधनों का स्थानांतरण जिलों के बीच किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि 26 अक्टूबर तक यह प्रणाली चक्रवात में बदलने की संभावना है और ताजा पूर्वानुमान के अनुसार इसका केंद्र उत्तर आंध्र प्रदेश के पास रहेगा, जबकि दक्षिण ओडिशा पर इसका असर पड़ेगा। स्थिति के अनुसार आगे भी समीक्षा बैठकें की जाएंगी। आवश्यकतानुसार अधिकारियों की छुट्टियां रद्द की जा सकती हैं और विद्यालयों की छुट्टियों की घोषणा भी की जा सकती है।
सभी विभाग और जिला प्रशासन रहें तैयार
राज्य सरकार ने स्पष्ट निर्देश जारी किया है कि सभी विभाग और जिला प्रशासन पूरी सतर्कता और समन्वय के साथ तैयार रहें। चक्रवात मॉनथा के संभावित प्रभाव को देखते हुए ओडिशा की आपदा प्रबंधन मशीनरी पूरी तरह सक्रिय मोड में है और राज्य किसी भी आपात स्थिति का सामना करने के लिए तैयार है।
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