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गजपति जिले के किसान तूफान से पहले ही मक्के की फसल काटने में जुटे
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भंडारण की समस्या से जूझ रहे ग्रामीण
भुवनेश्वर। बंगाल की खाड़ी में लगातार तीन निम्न दबाव के क्षेत्रों ने एक बार फिर ओडिशा के किसानों की नींद उड़ा दी है। आसमान में छाए बादलों के बीच खेतों में चल रही फसलों की जल्दबाजी भले ही मेहनत और उम्मीद की कहानी कहती हो, लेकिन इसके पीछे किसानों की मजबूरी और पिछले वर्ष की तबाही का डर साफ झलक रहा है।
बंगाल की खाड़ी पर बन रहे नए निम्न दबाव क्षेत्र ने किसानों की चिंता एक बार फिर बढ़ा दी है। खासकर गजपति जिले के मोहना ब्लॉक के मक्का उत्पादक किसान इस बार पिछली तबाही को याद करते हुए समय से पहले ही फसल काटने में जुट गए हैं। काले होते आसमान के बीच खेतों में किसानों की भागदौड़ अब आम दृश्य बन चुकी है। हर कोई बारिश आने से पहले अपनी मेहनत की फसल को सुरक्षित करने में लगा है।
पिछले वर्ष हुई भारी वर्षा ने जिले के अधिकांश मक्का किसानों की फसलें बर्बाद कर दी थीं। कई परिवारों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा था। उस दर्दनाक अनुभव को ध्यान में रखते हुए इस बार किसान कोई जोखिम नहीं लेना चाहते। खेतों में दिन-रात मेहनत कर रहे ये किसान इस बात के लिए दृढ़ हैं कि चाहे उत्पादन थोड़ा कम क्यों न हो, लेकिन फसल को नुकसान नहीं होने देंगे।
समय से पहले कटाई बनी मजबूरी
निम्न दबाव क्षेत्र के कारण संभावित वर्षा और तूफानी हवाओं की चेतावनी ने किसानों को मजबूर कर दिया है कि वे समय से पहले ही मक्के की कटाई कर लें। हालांकि जल्दी कटाई से कई दिक्कतें भी सामने आई हैं। किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्या फसल के सुरक्षित भंडारण की है। गीले मौसम में सूखे और सुरक्षित स्थान की कमी के कारण मक्के को सड़ने या खराब होने का डर सताने लगा है।
पिछले साल पानी में बह गई थी पूरी फसल
एक किसान ने कहा कि पिछले साल हमारी पूरी फसल पानी में बह गई थी। इस बार हम कोई जोखिम नहीं उठा रहे। जो कुछ भी बचा सकते हैं, उसे समय रहते सुरक्षित कर लेना चाहते हैं। दूसरे ग्रामीण ने चिंता जताते हुए कहा कि कुछ फसलें पहले ही खराब हो गई हैं। हमें अब तक कोई मुआवजा नहीं मिला। ऊपर से भंडारण की कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में फसल को सुरक्षित रखना बहुत मुश्किल हो रहा है।
फसल बचाने की जद्दोजहद
गांवों में इन दिनों खेतों से मक्के की ढेरियां घरों तक पहुंचाई जा रही हैं। महिलाएं और बच्चे भी इस कार्य में हाथ बंटा रहे हैं। किसानों के लिए यह सिर्फ फसल नहीं, बल्कि पूरे वर्ष की आजीविका का आधार है। इसलिए वे हर संभव प्रयास कर रहे हैं कि बारिश से पहले जितना संभव हो सके, फसल को घर या किसी ऊंचे स्थान पर रख लिया जाए। मोहना क्षेत्र में मक्का की खेती ही अधिकांश परिवारों की मुख्य आय का साधन है। इस समय खेतों में किसानों की व्यस्तता देखकर स्पष्ट है कि वे आने वाले दिनों के मौसम को लेकर बेहद सतर्क हैं।
सरकारी सहायता की उम्मीद
ग्रामीणों का कहना है कि पिछले वर्ष की तरह इस बार भी यदि मौसम ने धोखा दिया, तो कई परिवारों के सामने जीविका का संकट खड़ा हो जाएगा। उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि भंडारण की व्यवस्था और तत्कालिक सहायता के उपाय किए जाएं ताकि फसल को खराब होने से बचाया जा सके।
पांच दिनों के लिए जारी की पीली चेतावनी
मौसम विभाग ने बताया कि इसके प्रभाव से ओडिशा के दक्षिणी जिलों में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा दर्ज की गई है, जबकि उत्तरी जिलों में एक-दो स्थानों पर बारिश हुई है। आगामी दिनों में इस प्रणाली के और सशक्त होने और तटीय जिलों की ओर बढ़ने की संभावना है। मौसम विभाग ने ओडिशा के कई जिलों के लिए 21 अक्टूबर से 26 अक्टूबर तक ‘पीली चेतावनी’ जारी की है। 21 से 22 अक्टूबर के बीच पूरी, खुर्दा, नयागढ़, गंजाम, गजपति, बौध, कंधमाल, रायगड़ा, कोरापुट, मालकानगिरि, जगतसिंहपुर, केंद्रापड़ा और कटक जिलों में गरज-चमक के साथ तेज हवाएं चलने और हल्की वर्षा की संभावना जताई गई है।
22 से 23 अक्टूबर के बीच बालेश्वर, भद्रक, जाजपुर, केंद्रापड़ा, कटक, जगतसिंहपुर, पूरी, खुर्दा, नयागढ़, गंजाम, गजपति, रायगढ़ा, कोरापुट और मालकानगिरि में यही स्थिति बनी रहेगी।
23 से 24 अक्टूबर के बीच नवरंगपुर समेत दक्षिणी जिलों के साथ-साथ उत्तरी जिलों में भी गरज-चमक के साथ हवाएं चलने की संभावना है।
24 से 25 अक्टूबर के दौरान बालेश्वर, भद्रक, जाजपुर, केंद्रापड़ा, कटक, पूरी, खुर्दा, नयागढ़, गंजाम और गजपति जिलों में चेतावनी प्रभावी रहेगी।
25 से 26 अक्टूबर के बीच चेतावनी का दायरा और बढ़ेगा, जिसमें सुंदरगढ़, झारसुगुड़ा, बरगड़, संबलपुर, देवगढ़, अनुगूल, ढेंकानाल, केंदुझर और मयूरभंज जैसे जिलों में भी गरज-चमक और तेज हवाओं के साथ वर्षा की संभावना जताई गई है।
किसानों के लिए विशेष चेतावनी
आईएमडी ने किसानों के लिए भी चेतावनी जारी की है कि अगले 24 घंटों में पूरी, खुर्दा, नयागढ़, गंजाम, गजपति, बौध, कंधमाल, रायगढ़ा, कोरापुट, मालकानगिरि, जगतसिंहपुर, केंद्रापड़ा और कटक जिलों में आंधी के साथ बिजली गिरने और तेज हवाएं चलने की संभावना है। किसानों को सलाह दी गई है कि वे खेतों में रखी फसलों और कृषि उपकरणों को सुरक्षित स्थान पर रखें और बिजली चमकने के समय खुले स्थानों में न रहें।
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