-
दो निम्न दबाव के क्षेत्रों की भविष्यवाणी पर राज्यभर में उच्च सतर्कता घोषित
-
राज्य सरकार ने सभी जिलों को अलर्ट पर रखा
-
मंत्री ने कहा-किसी भी आपदा से निपटने को पूरी तैयारी
भुवनेश्वर। बंगाल की खाड़ी में दो नए निम्न दबाव के क्षेत्र बनने की संभावना के बीच ओडिशा सरकार ने राज्यभर में उच्च सतर्कता घोषित कर दी है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने मंगलवार को बताया कि राज्य सरकार भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) और अंतरराष्ट्रीय मौसम एजेंसियों की हर जानकारी पर नजर रखे हुए है। हालांकि अब तक किसी चक्रवात की आधिकारिक चेतावनी जारी नहीं की गई है, लेकिन एहतियातन तैयारी को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।
बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव का क्षेत्र बना
बंगाल की दक्षिण-पश्चिम खाड़ी पर बना निम्न दबाव का क्षेत्र मंगलवार सुबह और अधिक सक्रिय होकर स्पष्ट रूप से विकसित हो गया है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार, इस प्रणाली से जुड़ा चक्रवाती परिसंचरण समुद्र तल से लगभग 7.6 किलोमीटर ऊपर तक फैला हुआ है। विभाग ने बताया कि यह प्रणाली पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर बढ़ते हुए बुधवार दोपहर तक डिप्रेशन में तब्दील हो सकती है और उत्तर तमिलनाडु तथा दक्षिण आंध्र प्रदेश के तटों के समीप केंद्रित रहने की संभावना है।
लगातार तीन निम्न दबाव क्षेत्रों के बनने की संभावना
मौसम विज्ञानी सरत साहू के अनुसार, आने वाले दिनों में बंगाल की खाड़ी में एक के बाद एक तीन निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। पहला तंत्र पहले ही सक्रिय हो चुका है, जबकि दूसरा 26 अक्टूबर के आसपास और तीसरा 29 अक्टूबर के आसपास बनने की संभावना है। उन्होंने बताया कि वर्तमान प्रणाली बहुत अधिक शक्तिशाली नहीं होगी, लेकिन दक्षिणी ओडिशा में भारी वर्षा करा सकती है। दूसरा तंत्र अपेक्षाकृत अधिक प्रभावशाली रह सकता है, जिससे अगले सप्ताह राज्य के कई हिस्सों में भारी वर्षा हो सकती है। हालांकि आईएमडी ने अभी तक लगातार तीन प्रणालियों के बनने की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है, लेकिन सरत साहू ने बताया कि इस समय पूर्वी और उत्तर-पूर्वी दिशा से हवाएं चल रही हैं, जो लगातार नमी ला रही हैं और निम्न दबाव बनने के लिए अनुकूल परिस्थिति तैयार कर रही हैं।
शून्य जनहानि लक्ष्य के साथ सरकार सतर्क
मंत्री पुजारी ने कहा कि राज्य सरकार का मुख्य उद्देश्य किसी भी संभावित प्राकृतिक आपदा में शून्य जनहानि सुनिश्चित करना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि निम्न दबाव के क्षेत्र का बनना हमेशा चक्रवात का संकेत नहीं होता।
मंत्री ने कहा कि मौसम विभाग का पूर्वानुमान एक संभावित आकलन होता है। कई बार मौसम प्रणाली अपनी दिशा, तीव्रता या मार्ग बदल लेती है। इसलिए हम केवल पूर्वानुमान पर निर्भर नहीं रहते। चाहे चक्रवात बने या न बने, हमारी तैयारी पूरी है और सरकार हर परिस्थिति से निपटने के लिए तत्पर है।
दक्षिण ओडिशा में भारी वर्षा की संभावना
नवीनतम मौसम संकेतों के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में दो अलग-अलग निम्न दबाव क्षेत्र विकसित होने की संभावना है, जिससे आगामी दिनों में दक्षिणी ओडिशा में भारी से अत्यधिक वर्षा हो सकती है। मौसम विभाग ने दक्षिण ओडिशा के जिलों में ‘लाल चेतावनी’ जारी की है, जबकि तटीय जिलों में ‘नारंगी चेतावनी’ प्रभावी रहेगी।
आईएमडी ने सप्ताहभर राज्यभर में व्यापक वर्षा, गरज-चमक और तेज हवाओं की आशंका जताई है। समुद्र में ऊँची लहरें उठने और मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है।
एजेंसियों की रिपोर्ट पर करीबी नजर
मंत्री पुजारी ने बताया कि राज्य सरकार न केवल आईएमडी बल्कि अमेरिकी और अन्य अंतरराष्ट्रीय मौसम एजेंसियों की रिपोर्टों का भी अध्ययन कर रही है। कुछ विदेशी पूर्वानुमान मॉडलों में संभावित चक्रवात बनने की संभावना जताई गई है, लेकिन भारतीय मौसम विभाग की ताज़ा रिपोर्ट फिलहाल केवल वर्षा गतिविधि की पुष्टि करती है, चक्रवात की नहीं।
प्रशासनिक मशीनरी चौबीसों घंटे निगरानी पर
राज्य के सभी संबंधित विभागों को उच्च सतर्कता पर रखा गया है। विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) का कार्यालय, ओडिशा डिजास्टर रैपिड एक्शन फोर्स (ओडीआरएएफ) और स्थानीय प्रशासन को चौबीसों घंटे निगरानी के निर्देश दिए गए हैं। तटीय और दक्षिणी जिलों के कलेक्टरों को राहत एवं बचाव सामग्री तैयार रखने, शेल्टर होम की व्यवस्था सुनिश्चित करने और आपातकालीन नियंत्रण कक्ष सक्रिय रखने के निर्देश दिए गए हैं।
अफवाहों से बचें, आधिकारिक सूचना पर भरोसा करें
मंत्री ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें और केवल मौसम विभाग या सरकारी एजेंसियों द्वारा जारी सूचनाओं पर भरोसा करें। उन्होंने कहा कि सरकार पूरी तरह तैयार है और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए प्रशासनिक व आपदा राहत टीमें चौकन्नी हैं।
Indo Asian Times । Hindi News Portal । इण्डो एशियन टाइम्स,। हिन्दी न्यूज । न रूकेगा, ना झुकेगा।।
