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कहा-भविष्य की योजनाओं में तकनीकी क्षमताओं को सशक्त बनाना प्राथमिक लक्ष्य
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ओडिशा पुलिस की 70वीं राज्यस्तरीय पेशेवर प्रतियोगिता का शुभारंभ
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कटक में डीजीपी ने किया उद्घाटन
कटक। ओडिशा पुलिस अब अपराध जांच को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की तैयारी में है। भविष्य की रूपरेखा साझा करते हुए डीजीपी ने कहा कि फॉरेंसिक जांच और साइबर अपराध से निपटने में पुलिस की पेशेवर दक्षता को और सशक्त बनाना उनकी प्राथमिकता है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि आने वाले समय में अपराधों की जांच पूरी तरह तकनीक आधारित होगी, जहां वैज्ञानिक साक्ष्यों, आधुनिक प्रयोगशालाओं और विशेषज्ञ प्रशिक्षण के जरिये पुलिस व्यवस्था को अधिक सटीक, पारदर्शी और भरोसेमंद बनाया जाएगा।
वह कटक स्थित रिजर्व पुलिस ग्राउंड में 70वीं राज्यस्तरीय पेशेवर प्रतियोगिता के शुभारंभ के मौके पर संबोधित कर रहे थे।
राज्य पुलिस बल के कॉन्स्टेबल से लेकर इंस्पेक्टर रैंक तक के कर्मियों की पेशेवर दक्षता बढ़ाने के उद्देश्य से आज राज्यस्तरीय पेशेवर प्रतियोगिता का शुभारंभ किया गया। इस प्रतियोगिता का औपचारिक उद्घाटन ओडिशा के पुलिस महानिदेशक योगेश बहादुर खुरानिया ने किया। इस प्रतियोगिता में राज्य के 34 पुलिस जिलों से 282 प्रतिभागी, 43 पुलिस श्वान (के-9) और उनके 43 हैंडलर शामिल हुए हैं। इनमें 42 इंस्पेक्टर, 34 सब-इंस्पेक्टर, 59 असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर, 16 हवलदार और 131 कॉन्स्टेबल भाग ले रहे हैं।
अपराध रोकथाम और जांच पुलिस की प्रमुख जिम्मेदारियां
इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक खुरानिया ने कहा कि अपराध की रोकथाम और अपराध की जांच पुलिस की प्रमुख जिम्मेदारियां हैं। उन्होंने कहा कि यदि जांच सटीक नहीं होती, तो अपराधी के बच निकलने की संभावना अधिक होती है। इसलिए वैज्ञानिक और तकनीकी ज्ञान का प्रयोग कर दोष सिद्धि दर में सुधार पर विशेष बल देना आवश्यक है। उन्होंने आगे कहा कि पॉक्सो मामलों में पेशेवर दक्षता, वैज्ञानिक और तकनीकी कौशल के प्रयोग से बहुत कम समय में आरोपियों की पहचान कर दोष सिद्ध कर उन्हें कठोर सज़ा दिलाई गई है।
पुलिस की उपलब्धियां गिनाई
पुलिस महानिदेशक ने यह भी बताया कि पुलिस ने अंतरराज्यीय डकैती गिरोह, अवैध हथियार कारोबार, गांजा और ब्राउन शुगर की तस्करी तथा अवैध खेती के खिलाफ कठोर कार्रवाई की है। “प्रहार”, “गज”, “चक्र”, “अग्नि” और “गरुड़” जैसे अभियानों के माध्यम से कुख्यात और आदतन अपराधियों पर सख्त कदम उठाए गए हैं।
नागरिकों को भय और असुरक्षा मुक्त रखने को प्रतिबद्ध
उन्होंने कहा कि साम्प्रदायिक सद्भाव बनाए रखना, हिंसा पर नियंत्रण और महिला व बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना पुलिस की सर्वोच्च प्राथमिकता है। नागरिक भय और असुरक्षा से मुक्त रहें, यह सुनिश्चित करने के लिए पुलिस प्रतिबद्ध है। भविष्य की योजनाओं पर बोलते हुए डीजीपी ने बताया कि फॉरेंसिक जांच और साइबर अपराध की दिशा में पुलिस की पेशेवर दक्षता को और बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है।
इस प्रतियोगिता में फिंगरप्रिंट, कंप्यूटर कौशल, फोटोग्राफी, निरीक्षण परीक्षा, साइबर अपराध, पुलिस कानून, मेडीको-लीगल जांच और पुलिस डॉग की कार्यकुशलता जैसे विभिन्न इवेंट्स शामिल हैं।
यह राज्य स्तरीय प्रतियोगिता पुलिस महानिरीक्षक (क्राइम ब्रांच) विनयतोष मिश्र के प्रत्यक्ष पर्यवेक्षण में आयोजित की जा रही है। इस अवसर पर विनयतोष मिश्र ने स्वागत भाषण दिया, जबकि डीआईजी (क्राइम ब्रांच) बी गंगाधर ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। उद्घाटन समारोह में कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी उपस्थित थे।