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नुआपड़ा उपचुनाव में नेताओं की सक्रियता ने बढ़ाई सियासी गर्मी

  •     भाजपा की जमीनी तैयारी हुई तेज

  •     बीजद नेताओं की मैराथन बैठकें

  •     तीनों प्रमुख पार्टियों के भीतर हलचल तेज

भुवनेश्वर। नुआपड़ा उपचुनाव के लिए जैसे-जैसे तारीख नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे राज्य की तीनों प्रमुख पार्टियों भाजपा, बीजद और कांग्रेस के भीतर हलचल तेज हो गई है। सभी दलों के नेता अब मैदान में उतर चुके हैं और जमीनी समीकरणों को अपने पक्ष में करने में जुटे हैं।

भाजपा ने संगठनात्मक स्तर पर अभूतपूर्व तैयारी की है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री मोहन माझी के निर्देश पर हर क्षेत्रीय खंड की जिम्मेदारी एक मंत्री को दी गई है। 50 से अधिक वर्तमान और पूर्व विधायक बूथ स्तर पर प्रचार का नेतृत्व कर रहे हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता स्थानीय स्तर पर कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित कर रहे हैं।

भाजपा का मुख्य ध्यान ग्रामीण इलाकों पर है, जहां दिवंगत विधायक राजेन्द्र ढोलकिया की गहरी पकड़ रही है। जय ढोलकिया के समर्थन में पार्टी का प्रचार अभियान भी शुरू हो गया है।

मुख्यमंत्री खुद करेंगे जिला भ्रमण

भाजपा सूत्रों के मुख्यमंत्री माझी खुद चुनाव से पहले जिले में एक व्यापक प्रचार अभियान का नेतृत्व करेंगे। इधर, नामांकन से पहले जय ढोलकिया ने पूर्व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बसंत पंडा से आशीर्वाद लिया और एनएसी खरियार की चेयरपर्सन सोनिया जैन सहित कई स्थानीय नेताओं से मुलाकात की। उन्होंने कार्यकर्ताओं में एकजुटता और संगठनात्मक मजबूती का संदेश दिया।

उपचुनाव ने राजनीति को नया आयाम दे दिया

नुआपड़ा उपचुनाव ने ओडिशा की राजनीति को नया आयाम दे दिया है। एक ओर मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी की अगुवाई में भाजपा मैदान में पूरी ताकत झोंक रही है, वहीं बीजू जनता दल (बीजद) के प्रमुख नवीन पटनायक अभी तक अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा को लेकर मौन हैं। इस बीच, भाजपा ने दिवंगत विधायक राजेन्द्र ढोलकिया के पुत्र जय ढोलकिया को उम्मीदवार बनाकर चुनाव को भावनात्मक और रणनीतिक, दोनों दृष्टि से अहम बना दिया है।

जय के नाम की घोषणा से भाजपा में उत्साह

जय ढोलकिया का नाम घोषित होते ही भाजपा खेमे में उत्साह की लहर दौड़ पड़ी। पार्टी के भीतर यह माना जा रहा है कि दिवंगत विधायक की लोकप्रियता और परिवार की साफ-सुथरी छवि का फायदा भाजपा को सीधे तौर पर मिलेगा। मुख्यमंत्री माझी ने खुद नामांकन के दौरान उपस्थित रहने का निर्णय लेकर इस उपचुनाव को प्रतिष्ठा का विषय बना दिया है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनमोहन सामल भी पूरे कार्यक्रम की तैयारियों की निगरानी कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री माझी ने मंत्रियों और विधायकों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि प्रत्येक ब्लॉक में संगठनात्मक उपस्थिति मजबूत की जाए।

नेतृत्व की चल रही है परीक्षा

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह उपचुनाव मुख्यमंत्री माझी और नवीन पटनायक, दोनों के लिए “नेतृत्व की परीक्षा” बन गया है। भाजपा चाहती है कि वह नवीन पटनायक के गढ़ में एक भावनात्मक और संगठनात्मक जीत दर्ज करे, वहीं बीजद इस सीट को खोने का जोखिम नहीं उठा सकती, क्योंकि दिवंगत ढोलकिया चार बार इस सीट से विधायक रह चुके हैं।

कांग्रेस में स्थिति कुछ उलझी

वहीं कांग्रेस में स्थिति कुछ उलझी हुई है। उम्मीदवार घासीराम माझी ने प्रदेश अध्यक्ष भक्त चरण दास की उपस्थिति में नामांकन दाखिल किया, लेकिन पार्टी के भीतर आदिवासी संगठनों का एक वर्ग उनके खिलाफ नाराज बताया जा रहा है। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुरेश राउत का कहना है कि घासीराम माझी का अनुभव और जनाधार कांग्रेस को मजबूती देगा, लेकिन संगठनात्मक एकता सुनिश्चित करना जरूरी है।

निर्दलीय चुनाव लड़ चुके हैं घासीराम माझी

घासीराम माझी ने 2024 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था और दूसरे स्थान पर रहे थे। उन्हें लगभग 51,000 मत प्राप्त हुए थे, जिसमें स्थानीय जनजातीय संगठनों का मजबूत समर्थन मिला था।

2024 के चुनाव में माझी कांग्रेस टिकट के प्रमुख दावेदारों में शामिल थे, लेकिन उस समय उन्हें टिकट नहीं दिया गया था। पार्टी ने तब अपने तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष शरत पटनायक को उम्मीदवार बनाया था।

मतदान आगामी 11 नवंबर को 

नुआपड़ा उपचुनाव आगामी 11 नवंबर को आयोजित किया जाएगा, जबकि मतगणना 14 नवंबर को होगी। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 20 अक्टूबर, नामांकन पत्रों की जांच 22 अक्टूबर, और नाम वापसी की अंतिम तिथि 24 अक्टूबर निर्धारित की गई है।

यह उपचुनाव सत्तारूढ़ बीजद के विधायक और पूर्व मंत्री राजेन्द्र ढोलकिया के निधन के कारण आवश्यक हुआ है। ढोलकिया, जो नुआपड़ा से चार बार विधायक रहे, का निधन 8 सितंबर 2025 को 69 वर्ष की आयु में हुआ था।

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