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श्रीमयी मिश्रा का वीके पांडियन पर तीखा प्रहार
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प्रदीप जेना के बयान के बाद भड़कीं निलंबित बीजद नेता
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ओड़िया संस्कृति सिखाती है कि इंसानियत राजनीति से ऊपर है – श्रीमयी
भुवनेश्वर। ओडिशा की राजनीति में इन दिनों बयानबाजी का दौर तेज हो गया है। बीजद से निलंबित नेता श्रीमयी मिश्रा ने एक बार फिर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की नेतृत्व क्षमता और वीके पांडियन की भूमिका पर निशाना साधा है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक तीखा पोस्ट करते हुए पांडियन को परोक्ष रूप से “नकली साधु” करार दिया।
यह विवाद तब बढ़ा जब पूर्व मंत्री और बीजद विधायक स्वर्गीय राजेंद्र ढोलकिया के बेटे जय ढोलकिया ने शनिवार को भाजपा का दामन थाम लिया। इसके कुछ ही घंटे बाद बीजद नेता प्रताप जेना ने दावा किया कि जय ढोलकिया स्वर्गीय राजेंद्र ढोलकिया के दत्तक पुत्र हैं और “उनकी नसों में राजेंद्र ढोलकिया का खून नहीं बहता।”
श्रीमयी मिश्रा का पलटवार
जेना के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए श्रीमयी मिश्रा ने सोशल मीडिया पर लिखा कि अगर प्रताप जेना का कहना है कि जय ढोलकिया की नसों में स्वर्गीय राजेंद्र ढोलकिया का खून नहीं बहता, तो यह पूछा जाना चाहिए कि उस तथाकथित ‘नकली साधु’ की नसों में किस महान ओड़िया महापुरुष का खून बह रहा है, जिसके आदेश पर ये नेता चल रहे हैं?
उन्होंने आगे लिखा कि मानवता को राजनीति से ऊपर रहना चाहिए, यही ओड़िया संस्कृति हमें सिखाती है।
बीजद में बढ़ती अंदरूनी कलह
श्रीमयी मिश्रा का यह बयान बीजद के भीतर बढ़ते असंतोष और नेतृत्व पर उठते सवालों को और हवा देता है। हाल के दिनों में उन्होंने कई बार सोशल मीडिया के माध्यम से बीजद नेतृत्व, विशेषकर वीके पांडियन की कार्यशैली, पर खुलकर नाराज़गी जताई है।
जय ढोलकिया के भाजपा में जाने का असर नहीं पड़ेगा – जेना
प्रताप जेना ने हालांकि श्रीमयी मिश्रा के तीखे बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन उन्होंने कहा कि लोग जय ढोलकिया के भाजपा में शामिल होने के फैसले से सहमत नहीं हैं और इसका कोई राजनीतिक प्रभाव नहीं पड़ेगा। नुआपड़ा उपचुनाव से पहले इस बयानबाज़ी ने ओडिशा की राजनीति में नए सिरे से हलचल पैदा कर दी है।