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ओडिशा से बंगाल और दिल्ली तक उबाल
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सभी ने ममता सरकार के रवैये पर उठाए सवाल
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मुख्यमंत्री मोहन माझी ने पीड़िता के परिवार से की बात
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न्याय दिलाने का दिया भरोसा
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बंगाल में मीडिया और विपक्ष ने ममता सरकार की चुप्पी पर साधा निशाना
भुवनेश्वर/कोलकाता। दुर्गापुर में ओडिशा की मेडिकल छात्रा से हुए सामूहिक दुष्कर्म ने दोनों राज्यों ओडिशा और पश्चिम बंगाल के साथ-साथ दिल्ली में उबाल पैदा कर दिया है। पश्चिम बंगाल के पश्चिम बर्दवान जिले में स्थित एक निजी मेडिकल कॉलेज के पास हुई इस घिनौनी वारदात ने जहां ओडिशा सरकार को तुरंत हरकत में ला दिया, वहीं बंगाल सरकार की चुप्पी और सुस्त कार्रवाई को लेकर वहां की मीडिया और विपक्ष दोनों ने तीखे सवाल उठाए हैं।
भाजपा आईटी प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि इस क्रूर अपराध के कारण दुर्गापुर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं और लोग ममता बनर्जी सरकार से त्वरित न्याय और जवाबदेही की मांग कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं है।
ओडिशा के बालेश्वर जिला प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए चार सदस्यीय विशेष टीम को दुर्गापुर भेजा, जिसमें जिला समाज कल्याण अधिकारी (डीएसडब्ल्यूओ) ज्योत्स्ना मोहंती और एक डीएसपी शामिल थे। यह टीम शनिवार को दुर्गापुर अस्पताल पहुंची और पीड़िता व उसके परिवार से मुलाकात की।
छात्रा की हालत अब स्थिर
टीम ने बताया कि छात्रा की हालत अब स्थिर है और राज्य सरकार उसके हर संभव सहयोग के लिए प्रतिबद्ध है। डीएसडब्ल्यूओ ज्योत्स्ना मोहंती ने कहा कि यह हमारी बेटी है और सरकार उसके साथ मजबूती से खड़ी है। पश्चिम बंगाल पुलिस के साथ समन्वय बनाए रखा जा रहा है।
मुख्यमंत्री माझी ने दिखाई संवेदनशीलता
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने व्यक्तिगत रूप से पीड़िता के पिता से बात की और न्याय की पूरी गारंटी दी। उन्होंने कहा कि ओडिशा सरकार कानूनी, आर्थिक, चिकित्सा और भावनात्मक हर स्तर पर परिवार की सहायता करेगी। माझी ने स्पष्ट किया कि पश्चिम बंगाल सरकार को संदेश भेजा गया है कि दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा न जाए। उन्होंने एक वरिष्ठ अधिकारी को भी नोडल समन्वयक नियुक्त किया है ताकि पीड़िता को लगातार सहायता और सुरक्षा मिलती रहे।
बंगाल में विपक्ष ने बोला हमला
पश्चिम बंगाल की मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, ममता सरकार का इस संवेदनशील घटना पर रक्षात्मक और धीमा रवैया आलोचना का विषय बना हुआ है। कई बंगाली अखबारों ने लिखा है कि पुलिस की कार्रवाई प्रारंभिक दबाव के बाद धीमी पड़ गई और सरकार घटना को राजनीतिक विवाद बनने से रोकने में जुटी रही।
वहीं, राज्य की विपक्षी भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने तृणमूल कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया कि ममता प्रशासन कानून-व्यवस्था के मुद्दों पर असहज होकर चुप्पी साधे हुए है।
एनसीडब्ल्यू सदस्य ने किया दौरा, दिया तीखा बयान
राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की सदस्य अर्चना मजूमदार ने भी अस्पताल जाकर पीड़िता से मुलाकात की और कहा कि बंगाल में कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है। उन्होंने ममता बनर्जी सरकार से कठोर कार्रवाई की मांग की और कहा कि इस तरह की घटनाएं समाज की आत्मा को झकझोर देती हैं।
तीन आरोपी गिरफ्तार, दो अब भी फरार
पुलिस ने 36 घंटे के भीतर तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, लेकिन दो आरोपी अब भी फरार बताए जा रहे हैं। पुलिस की कई टीमें दबिश दे रही हैं। पीड़िता की हालत अब स्थिर है, लेकिन वह फिलहाल उपचाराधीन है।
सोशल मीडिया पर जनाक्रोश
यह मामला अब राज्य की सीमाओं से परे जाकर राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में है। ओडिशा से लेकर कोलकाता तक सोशल मीडिया पर न्याय की मांग उठ रही है।
जनता के साथ-साथ सामाजिक संगठन और महिला आयोगों की एक ही मांग है-पीड़िता को शीघ्र न्याय मिले और अपराधियों को उदाहरणात्मक सजा दी जाए।