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MODI नक्सलवाद खत्म करना मोदी की गारंटी

प्रधानमंत्री ने 160 करोड़ की मत्स्यिकी परियोजनाओं की आधारशिला रखी

  •     भुवनेश्वर के पांड्रा में 59.13 करोड़ रुपये का मछली बाजार

  •     बसंतपुर में 100 करोड़ रुपये का एकीकृत ‘एक्वा पार्क’ बनेगा

भुवनेश्वर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को ओडिशा में लगभग 160 करोड़ रुपये की दो मत्स्यिकी परियोजनाओं की आधारशिला रखी। उन्होंने दिल्ली में 24,000 करोड़ रुपये की प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना (पीएम-डीडीकेवाई) और दालों में आत्मनिर्भरता के लिए 11,440 करोड़ रुपये के मिशन की शुरुआत करते हुए मत्स्य पालन परियोजनाओं की आधारशिला रखी।

मत्स्यिकी परियोजनाओं में संबलपुर जिले के बसंतपुर में 100 करोड़ रुपये का एकीकृत ‘एक्वा पार्क’ और भुवनेश्वर के पांड्रा में 59.13 करोड़ रुपये का मछली बाजार शामिल है। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, उपमुख्यमंत्री केवी सिंहदेव और अन्य लोग यहां ओयूएटी परिसर में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में डिजिटल माध्यम से कार्यक्रम में शामिल हुए। माझी ने कहा कि भुवनेश्वर में मछली बाजार परियोजना प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई) के तहत एक और महत्वपूर्ण पहल है।

मछली बाजार से दो हजार को रोजगार

मुख्यमंत्री ने कहा कि 59.13 करोड़ रुपये में से 30 करोड़ रुपये केंद्र द्वारा तथा शेष राशि राज्य द्वारा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि यह परियोजना राज्य सरकार के मत्स्य एवं पशु संसाधन विभाग तथा भुवनेश्वर नगर निगम (बीएमसी) के सहयोग से क्रियान्वित की जाएगी और इससे 143 व्यापारियों को प्रत्यक्ष लाभ होगा तथा 2,000 से अधिक लोगों के लिए अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मछली बाजार भुवनेश्वर और कटक में उपभोक्ताओं की मांग को पूरा करेगा। उन्होंने कहा कि परियोजना के क्रियान्वयन के लिए बीएमसी के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं और यह कार्य नवंबर 2027 तक पूरा हो जाएगा।

एक्वा पार्क से आधुनिक मछली पालन को बढ़ावा

मुख्यमंत्री ने कहा कि हीराकुद में 95.47 एकड़ सरकारी भूमि पर बनने वाले एकीकृत एक्वा पार्क से आधुनिक मछली पालन को और बढ़ावा मिलेगा। परियोजना में किए जाने वाले 100 करोड़ रुपये के निवेश में से केंद्र सरकार 60 करोड़ रुपये का योगदान देगी, जबकि शेष 40 करोड़ रुपये राज्य सरकार द्वारा खर्च किए जाएंगे। माझी ने कहा कि यह पूर्वी भारत की पहली एक्वा पार्क परियोजना होगी। जनवरी 2027 तक पूरी होने वाली यह परियोजना संबलपुर को आधुनिक मछली पालन के उत्कृष्टता केंद्र में बदल देगी।

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