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सीसीटीवी में संदिग्ध एसयूवी कैद, हत्यारों की तलाश जारी
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गवाहों के बयानों का क्रॉस-वेरिफिकेशन जारी
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सीसीटीवी फुटेज से हमले से पहले की गतिविधियों का पता चला
ब्रह्मपुर। वरिष्ठ अधिवक्ता और भाजपा नेता पीतावास पंडा की हत्या की जांच एक महत्वपूर्ण चरण में पहुंच गई है। ब्रह्मपुर पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और चल रही पूछताछ से ठोस सुराग मिलने का दावा किया है। मीडिया से बातचीत में पुलिस अधिकारियों ने कहा कि मुख्य हमलावर की पहचान जल्द ही हो जाने की संभावना है, क्योंकि गवाहों के बयानों का क्रॉस-वेरिफिकेशन जारी है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, विशेष जांच दल ने इलाके की 60 से ज़्यादा सीसीटीवी रिकॉर्डिंग का विश्लेषण किया है और 6 अक्टूबर को हुई हत्या से जुड़े संदिग्धों की गतिविधियों पर सफलतापूर्वक नजर रखी है।
घटना वाली रात पंडा के नियमित रास्ते पर चलती देखी गई एक संदिग्ध लग्जरी कार ने विशेष ध्यान आकर्षित किया है। जांचकर्ताओं का मानना है कि हमलावरों ने हमले से पहले और बाद में इसका इस्तेमाल किया होगा।
इस बीच, ब्रह्मपुर के एसपी सरवण विवेक एम ने पुष्टि की है कि पुलिस ने प्रत्यक्षदर्शियों, पेशेवर सहयोगियों और आस-पड़ोस के निवासियों सहित 50 से ज़्यादा लोगों से पूछताछ की है।
एसपी ने बताया कि हम सभी दर्ज बयानों की दोबारा जांच कर रहे हैं। सीसीटीवी फुटेज में कैद कुछ गतिविधियों का गवाहों से मिलान किया गया है और इससे हमें संदिग्धों तक पहुंचने में मदद मिल रही है।
पांच से छह लोगों पर संदेह
एसपी ने आगे बताया कि पांच से छह लोग अब भी संदेह के घेरे में हैं और उनसे गहन पूछताछ की जा रही है। इनमें इस हफ़्ते हिरासत में लिये गए तीन लोग भी शामिल हैं, जिनमें एक सीआईएसएफ जवान भी शामिल है, जिसकी अपराध में भूमिका की पुष्टि अभी भी की जा रही है।
पुलिस ने हत्यारों के ओडिशा से बाहर से जुड़े होने की संभावना से इनकार नहीं किया है, क्योंकि हत्या के तरीके से पता चलता है कि यह एक सुनियोजित हत्या थी।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में नजदीक से गोली मारने की पुष्टि
गुरुवार देर रात आई पोस्टमार्ट रिपोर्ट में पुष्टि हुई है कि पंडा की मौत नजदीक से गोली लगने के बाद बहुत ज़्यादा खून बहने से हुई। गोली को फोरेंसिक और बैलिस्टिक विश्लेषण के लिए भेजा गया है ताकि हथियार के प्रकार का पता लगाया जा सके और संभवतः उसके स्रोत का पता लगाया जा सके।