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लापरवाही और पद के दुरुपयोग का मामला
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एसआई कार्तिक जेना ने खुद जांच पर न जाकर युवक को भेजा
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ग्रामीणों की सूचना पर खुली पोल
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युवक गिरफ्तार, विभागीय जांच शुरू
भद्रक। ओडिशा के भद्रक जिले में पुलिस विभाग की साख को झटका देने वाला मामला सामने आया है। भद्रक ग्रामीण थाना के उप-निरीक्षक (एसआई) कार्तिक जेना को कर्तव्य में लापरवाही और पद के दुरुपयोग के आरोप में निलंबित कर दिया गया है।
यह कार्रवाई तब की गई, जब यह खुलासा हुआ कि एसआई जेना ने खुद किसी मामले की जांच करने के बजाय एक स्थानीय युवक को पुलिस अधिकारी बनाकर गांव भेज दिया।
फर्जी पुलिस बनकर गया युवक
सूत्रों के अनुसार, रसिकाबाद गांव (कलेई पंचायत) में एक व्यक्ति के खिलाफ शिकायत थी कि उसने पांच महिलाओं से विवाह किया है। इस मामले की जांच का जिम्मा एसआई कार्तिक जेना को सौंपा गया था।
लेकिन जब आरोपी की दो पत्नियां गांव में जांच के लिए पहुंचीं, तो एसआई जेना खुद जाने के बजाय धुसुरी क्षेत्र के निवासी पीयूष रंजन पंडा को पुलिस की मोटरसाइकिल और वर्दी देकर मौके पर भेज दिया।
पीयूष पंडा ने गांव पहुंचकर खुद को एसआई जेना बताकर लोगों से पूछताछ शुरू कर दी। उसकी हरकतों पर ग्रामीणों को शक हुआ और उन्होंने तुरंत भद्रक ग्रामीण थाना को सूचना दी।
ग्रामीणों की सूचना पर हुआ खुलासा
सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और जांच में पाया कि वास्तव में जांच एसआई ने नहीं, बल्कि एक आम युवक ने की थी। पूछताछ में पीयूष ने कबूल किया कि उसने यह सब एसआई कार्तिक जेना के कहने पर किया। इसके बाद पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया।
युवक गिरफ्तार
भद्रक के एसपी मनोज राउत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एसआई कार्तिक जेना को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया और उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए हैं। एसपी ने कहा कि कर्तव्य में लापरवाही और अधिकार का दुरुपयोग किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अतिरिक्त एसपी अरुप अभिषेक बेहरा ने बताया कि एसआई ने जांच के लिए एक युवक को भेजा, जो कानून के दायरे से बाहर की कार्रवाई थी। आरोपी एसआई को निलंबित कर दिया गया है, जबकि युवक को हिरासत में लेकर पूछताछ जारी है।