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मिश्रा का बीजद नेतृत्व पर जोरदार हमला
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कहा-आत्मघोषित नेता ने पार्टी को कमजोर किया
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अब कार्यकर्ताओं को उठानी होगी आवाज
भुवनेश्वर। बीजू जनता दल (बीजद) की स्थगित नेता श्रीमयी मिश्रा ने पार्टी नेतृत्व पर तीखा हमला बोलते हुए वीके पांडियन के खिलाफ खुलेआम बगावत का आह्वान किया है। एक चैनल के विशेष कार्यक्रम में मिश्रा ने बीजद के शीर्ष नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी के सभी निर्णय अब एक स्वयंभू सर्वोच्च व्यक्ति के इशारे पर लिये जा रहे हैं, जिससे संगठन अपनी मूल दिशा से भटक गया है।
मिश्रा ने कहा कि बीजद जिस आपदा से गुजरी, उसका कारण वही आत्मघोषित नेता है। उसने 2023 में शंख का बैज लगाया और जून 2024 में राजनीति से संन्यास की घोषणा की। जो खुद राजनीति छोड़ने की बात करे, वह कैसे नेता बन सकता है और निर्णय ले सकता है? क्या यह एक नकली साधु की निशानी नहीं है?
उन्होंने आगे कहा कि जब चामू अस्पताल से निकले, तब उनके हाथ में वही व्यक्ति था। न कोई वरिष्ठ नेता दिखा, न कोई संगठनात्मक चेहरा। मेरी बगावत उन लोगों के खिलाफ है जिन्होंने हमारा घर तोड़ दिया और हमें सत्ता से बेदखल कर दिया।
बगावत होगी, तो परिवार में फिर से शांति लौटेगी
मिश्रा ने पार्टी कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे अपने स्थानीय नेताओं से पूछें कि वे समर्पण करेंगे या बगावत। उन्होंने कहा कि अगर बगावत होगी, तो परिवार में फिर से शांति लौटेगी। यह बगावत पांडियन के खिलाफ होनी चाहिए, न कि पार्टी के खिलाफ।
बीजद में महिला विरोधी रवैया गहराया
उन्होंने यह भी कहा कि बीजद में महिला विरोधी रवैया गहराता जा रहा है। राज्यसभा सांसद देबाशीष सामंतराय ने मेरा समर्थन किया, पर उन्हें निलंबित नहीं किया गया। क्या यह लैंगिक भेदभाव नहीं है? श्रीमयी मिश्रा ने 24 पूर्व-चुनावी सर्वे रिपोर्टों का जिक्र किया और पांडियन के दिल्ली के राजनीतिक गलियारों में प्रभाव का खुलासा किया। उन्होंने शंख भवन से जुड़े कुछ वीडियो भी साझा किए, जिन्हें उन्होंने पार्टी के भीतर हो रही साजिशों का प्रमाण बताया।
बीजद नेतृत्व के सामने नया राजनीतिक संकट
उनके बयान ने बीजद के मौजूदा नेतृत्व के सामने एक नया राजनीतिक संकट खड़ा कर दिया है। उन्होंने साफ कहा कि पार्टी को बचाने के लिए पारदर्शिता, जवाबदेही और सुधार जरूरी हैं। हालांकि, इस बयान पर वीके पांडियन या बीजद नेतृत्व की ओर से अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई थी।