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मोहन माझी ने कानून-व्यवस्था पर कड़ा रुख अपनाया
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उच्चस्तरीय बैठक बुलाकर पूरे ओडिशा में कानून-व्यवस्था की समीक्षा की
भुवनेश्वर। कटक में दुर्गा विसर्जन के दौरान हुई सांप्रदायिक झड़प और ब्रह्मपुर में वरिष्ठ अधिवक्ता व भाजपा नेता पितावास पंडा की दिनदहाड़े हत्या के बाद मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने कानून-व्यवस्था को लेकर सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने उच्चस्तरीय बैठक बुलाकर पूरे ओडिशा में सुरक्षा हालात और पुलिस उपायों की समीक्षा की, ताकि संवेदनशील क्षेत्रों में शांति सुनिश्चित की जा सके और अपराधियों को जल्द गिरफ्तार किया जा सके।
सूत्रों के अनुसार, बैठक में खुफिया तंत्र के समन्वय को मजबूत करने, त्वरित प्रतिक्रिया टीमों के संचालन में सुधार लाने और संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बढ़ाने पर जोर दिया गया।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि आगामी काली पूजा, दीवाली और बालियात्रा के दौरान कोई घटना दोहराई नहीं जानी चाहिए। बैठक में मुख्य सचिव, डीजीपी, गृह सचिव, खुफिया निदेशक और भुवनेश्वर-कटक पुलिस आयुक्त उपस्थित थे।
दोनों घटनाओं ने बढ़ाई सुरक्षा चिंता
कटक में दुर्गा विसर्जन के दौरान वीएचपी कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच टकराव के बाद शहर में लगभग तीन दशक बाद कर्फ्यू लगाना पड़ा। जैसे ही कटक सामान्य स्थिति में लौट रहा था, सोमवार रात ब्रह्मपुर के ब्रह्मनगर में वरिष्ठ अधिवक्ता पितावास पंडा को अज्ञात हमलावरों ने उनके घर के बाहर गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया। इन दोनों घटनाओं ने राज्य में सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है।
विपक्ष ने साधा निशाना
इन घटनाओं के बाद विपक्ष ने राज्य सरकार पर कानून-व्यवस्था संभालने में विफलता का आरोप लगाया। बीजद सांसद सुलता देव ने कहा कि कटक भाईचारे का शहर है, जहां सभी धर्म के लोग शांति से रहते हैं। जो हुआ वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। इस सरकार के आने के बाद अपराध बढ़ा है और महिलाओं की सुरक्षा भी खतरे में है।
बार काउंसिल ने मांगी एसआईटी जांच
इधर, बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने पंडा हत्या की जांच के लिए समयबद्ध एसआईटी गठित करने की मांग की है। राज्यभर के वकीलों ने ‘पेन डाउन’ कर विरोध जताया।
कानून-व्यवस्था में कोई ढील नहीं – मुख्यमंत्री
सीएम माझी ने बैठक के दौरान कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था को लेकर किसी भी तरह की ढील नहीं बरती जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि हर संवेदनशील क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ाई जाए और जल्द से जल्द अपराधियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया जाए।