-
‘पाथेर पुरी’ का होगा पुनरुद्धार
-
ओडिशा सरकार ने की कई सांस्कृतिक पहल की घोषणा
भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार ने गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर के पुरी स्थित पैतृक आवास ‘पाथेर पुरी’ का पुनरुद्धार कर उसे एक संग्रहालय के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। यह संग्रहालय नोबेल पुरस्कार विजेता कवि की स्मृति और उनके कार्यों को समर्पित होगा। यह निर्णय ओड़िया भाषा, साहित्य एवं संस्कृति विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता संस्कृति मंत्री सूर्यवंशी सूरज ने विभाग के सम्मेलन कक्ष में की।
विभाग की ओर से जारी आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, बैठक में ओड़िया कला, साहित्य और विरासत को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गए।
बालियात्रा में एक थीम पेविलियन होगा स्थापित
सरकार पाथेर पुरी का संरक्षण और पुनर्निर्माण कर टैगोर की साहित्यिक विरासत और ओडिशा से उनके गहरे संबंधों का उत्सव मनाएगी। आने वाले 5 नवंबर से शुरू होने वाले कटक बालियात्रा में एक थीम पेविलियन स्थापित किया जाएगा, जिसमें प्रमुख ओड़िया साहित्यकारों और उनके योगदानों को प्रदर्शित किया जाएगा। इस वर्ष इंडोनेशिया इस उत्सव का पार्टनर कंट्री होगा, जबकि एक भारतीय राज्य “एक भारत श्रेष्ठ भारत पहल के तहत पार्टनर स्टेट के रूप में भाग लेगा। इसके साथ ही दक्षिण एशियाई देशों के सांस्कृतिक दलों को भी कार्यक्रम में आमंत्रित किया जाएगा।
परंपरागत त्योहारों के संरक्षण को बढ़ावा
परंपरागत त्योहारों के संरक्षण को बढ़ावा देते हुए, संस्कृति विभाग ने केंद्रापड़ा की गजलक्ष्मी पूजा को वित्तीय सहायता देने का निर्णय लिया है। इससे पहले इसी तरह की सहायता ढेंकानाल की गजलक्ष्मी पूजा को दी गई थी। विभाग ने संस्कृति विश्वविद्यालय, उत्कल संगीत महाविद्यालय, बीके कॉलेज ऑफ आर्ट एंड क्राफ्ट्स, गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ आर्ट एंड क्राफ्ट्स और खल्लिकोट जैसे सांस्कृतिक व शैक्षणिक संस्थानों में रिक्त पदों की भर्ती प्रक्रिया को तेज करने का निर्णय भी लिया है।
कालिदास मंदिर का भी होगा संरक्षण
राज्य पुरातत्व निदेशालय केंद्रापड़ा जिले के ऐतिहासिक कालिदास मंदिर के पुनरुद्धार और संरक्षण का कार्य करेगा। वहीं, ओडिशा ब्रिज एंड कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन को भुवनेश्वर स्थित सैनिक स्कूल के पास बन रहे ओड़िया अस्मिता भवन के निर्माण कार्य को शीघ्र गति देने के निर्देश दिए गए हैं।
संस्कृति मंत्री सूर्यवंशी सूरज ने कहा कि राज्य सरकार ओडिशा की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और ओड़िया अस्मिता को सशक्त करने के लिए निरंतर और ठोस कदम उठा रही है।