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राजभाषा के बिना विकास संभव नहीं: महालेखाकार अतुल प्रकाश
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प्रतियोगिताओं में अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने दिखाई प्रतिभा
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उत्कल उद्घोष पत्रिका का लोकार्पण
भुवनेश्वर। दूरदर्शन केंद्र, भुवनेश्वर में आयोजित हिंदी पखवाड़ा समापन समारोह में महालेखाकार (लेखा परीक्षा) अतुल प्रकाश ने मुख्य अतिथि के रूप में कहा कि भारत का समग्र विकास राजभाषा के बिना संभव नहीं है। उन्होंने अधिकारियों और कर्मचारियों से अपील की कि वे अपने क्षेत्रीय भाषा के प्रति प्रेम रखें, लेकिन राजभाषा हिंदी को भी न भूलें।
हिंदी पखवाड़ा के दौरान दूरदर्शन केंद्र में पांच प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिसमें एक सौ से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों ने भाग लिया। प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय, तृतीय स्थान तथा दो प्रोत्साहन पुरस्कारों से प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया।
समारोह के दौरान ‘उत्कल उद्घोष’ नामक गृह पत्रिका का लोकार्पण महालेखाकार अतुल प्रकाश, उपमहानिदेशक (अभि) नरसिंह जेठी, सहायक निदेशक उमेश कुमार जेके, कार्यक्रम प्रमुख पीके बेहरा और हिंदी प्रभारी राजेश तिवारी ने संयुक्त रूप से किया।
केंद्राध्यक्ष नरसिंह जेठी ने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि उनका प्रयास रहता है कि कार्यालय में अधिक से अधिक कार्य हिंदी में संपन्न हों, जिसमें सभी अधिकारियों और कर्मचारियों का सहयोग महत्वपूर्ण है। सहायक निदेशक उमेश कुमार जेके ने भी समारोह में अपनी विचारधारा साझा की।
समापन समारोह का मंच संचालन हिंदी प्रभारी राजेश तिवारी ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम प्रमुख पीके बेहरा ने किया। समारोह में बड़ी संख्या में अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे और उन्होंने हिंदी भाषा के प्रसार एवं उपयोग पर अपने उत्साह का प्रदर्शन किया।