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पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप
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सोशल मीडिया पोस्ट से मचा बवाल
भुवनेश्वर। बीजू जनता दल (बीजद) ने महिला प्रकोष्ठ की महासचिव श्रीमयी मिश्रा को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में निलंबित कर दिया है। जारी आदेश में मयूरभंज के पूर्व जिला सचिव प्रभीर चंद्र साईं और कपटीपाड़ा के पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष सुभाष चंद्र साईं को भी निलंबित किया गया। हालांकि, राजनीतिक हलकों में सबसे ज्यादा चर्चा श्रीमयी मिश्रा को लेकर है।
आत्मसम्मान से समझौता नहीं : श्रीमयी
निलंबन पर प्रतिक्रिया देते हुए श्रीमयी मिश्रा ने कहा कि उन्होंने कभी अपने आत्मसम्मान और गरिमा से समझौता नहीं किया और न ही आगे कभी करेंगी। उन्होंने कहा कि वह पिछले एक वर्ष से पार्टी से अलग हैं और सदस्यता तक नवीनीकृत नहीं की है। ऐसे में पार्टी का उन्हें निलंबित करना केवल हंसी का विषय है।
सक्रिय महिला नेता का निलंबन चौंकाने वाला
बीजद की सक्रिय और मुखर महिला नेता के रूप में श्रीमयी मिश्रा लंबे समय तक संगठनात्मक गतिविधियों में अहम भूमिका निभाती रही हैं। ऐसे में उनका निलंबन राजनीतिक हलकों में अप्रत्याशित माना जा रहा है।
सोशल मीडिया पोस्ट बना कारण
हालांकि आदेश में कारण स्पष्ट नहीं किया गया है, लेकिन माना जा रहा है कि उनके हालिया सोशल मीडिया पोस्ट ने ही इस कार्रवाई को जन्म दिया। उन्होंने महाभारत का उदाहरण देते हुए अप्रत्यक्ष रूप से पूर्व मुख्यमंत्री एवं बीजद अध्यक्ष नवीन पटनायक की तुलना धृतराष्ट्र से कर दी थी। उन्होंने लिखा था कि धृतराष्ट्र जैसे लोग गलतियों को रोक नहीं पाते और इतिहास उन्हें कभी माफ नहीं करता।
‘नकली साधु’ टिप्पणी से बढ़ा विवाद
इसके बाद श्रीमयी ने एक और पोस्ट में ‘नकली साधु’ का उल्लेख किया, जिसे राजनीतिक हलकों में पूर्व नौकरशाह और बीजद के पूर्व नेता वीके पांडियन की ओर इशारा माना गया। उन्होंने कहा था कि समाज में वही सच्चा साधु है जो सांसारिक सुखों का त्याग करे, लेकिन जब यह सिद्धांत टूटता है तो ऐसे लोग ‘नकली साधु’ कहलाते हैं।