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बीजद व कांग्रेस के बहिष्कार के बीच पारित हुआ प्रस्ताव
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मुख्यमंत्री माझी ने बताया ‘गेम चेंजर’
भुवनेश्वर। ओडिशा विधानसभा ने मंगलवार को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) सुधारों की प्रशंसा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया। यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने पेश किया, जिन्होंने वित्त विभाग की भी जिम्मेदारी संभाल रखी है। मंगलवार शाम को जब विपक्षी बीजद और कांग्रेस सदस्य असंबंधित मुद्दों पर कार्यवाही का बहिष्कार कर चुके थे, तब सदन ने इसे ध्वनि मत से मंजूरी दे दी।
मुख्यमंत्री माझी ने कहा कि जीएसटी सुधार देश की आर्थिक तस्वीर बदलने के लिए एक बड़ा कदम है। उन्होंने इसे कर ढांचे को सरल बनाने वाला, आवश्यक वस्तुओं पर कर दर घटाने वाला और विलासिता की वस्तुओं पर कर बढ़ाने वाला सुधार बताया।
उन्होंने कहा कि ये सुधार सिर्फ टैक्स बदलाव नहीं, बल्कि आर्थिक विकास के लिए नई राह खोलने वाले ‘गेम चेंजर’ हैं। इससे पारदर्शी, कुशल और विकासोन्मुखी अर्थव्यवस्था बनेगी और नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
मुख्यमंत्री के अनुसार, 22 सितंबर से लागू हुए सुधारों में बीमा क्षेत्र के लिए भी राहत दी गई है। व्यक्तिगत जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों को कर से मुक्त रखा गया है, जिससे उपभोक्ताओं और कारोबारियों दोनों को लाभ मिलेगा।
विपक्ष ने उठाए सवाल
विपक्षी दलों ने बहस के दौरान कहा था कि सुधारों का श्रेय केवल एक पार्टी को देना उचित नहीं है। बीजद के वरिष्ठ विधायक आरपी स्वाईं ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार को ये सुधार लागू करने में आठ साल लग गए और इस दौरान जनता से 57 लाख करोड़ रुपये वसूले गए।
बीजद विधायक अरुण कुमार साहू और गणेश्वर बेहरा ने भी आवश्यक वस्तुओं जैसे चावल, चूड़ा और केंदू पत्तों को कर से मुक्त करने की मांग उठाई।
भाजपा का पलटवार
भाजपा विधायक टंकधर त्रिपाठी ने विपक्ष पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया। वहीं, भाजपा विधायकों अमर नायक और प्रताप चंद्र नायक ने प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि ये सुधार आम लोगों और कारोबार दोनों के लिए लाभकारी साबित होंगे।