– ओडिशा एच एंड यूडी विभाग ने वित्तीय कमी का हवाला दिया
– उच्च न्यायालय में विभाग ने जताई असमर्थता
– अक्टूबर 23 को अगली सुनवाई तय
(फोटो-सीसीटीवी)
कटक। कटक शहर में बड़े पैमाने पर सीसीटीवी और ट्रैफिक सिग्नल लगाने के लिए 50 करोड़ रुपये की योजना अब अनिश्चित स्थिति में है। ओडिशा उच्च न्यायालय में हाउसिंग और अर्बन डेवलपमेंट (एच एंड यूडी) विभाग की ओर से प्रस्तुत पत्र में बताया गया कि विभाग इस परियोजना के लिए आवश्यक धन उपलब्ध कराने में असमर्थ है। न्यायमंडल ने राज्य सरकार से स्पष्ट करने को कहा है कि क्या वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी और इस मामले की अगली सुनवाई 23 अक्टूबर के लिए निर्धारित की गई है।
प्रारंभिक रूप से इस परियोजना की अनुमानित लागत 45.53 करोड़ रुपये थी, जिसमें जीएसटी शामिल नहीं था। परियोजना का उद्देश्य पूरे शहर में निगरानी कैमरे और ट्रैफिक सिग्नल स्थापित करके कानून व्यवस्था, यातायात प्रबंधन और सार्वजनिक सुरक्षा को सुदृढ़ करना था।
84 अतिरिक्त स्थानों पर सीसीटीवी कवरेज बढ़ाने का अनुरोध
हाल ही में कटक डीसीपी की ओर से 84 अतिरिक्त स्थानों पर सीसीटीवी कवरेज बढ़ाने का अनुरोध आया, जिससे कुल लागत 18 प्रतिशत जीएसटी सहित 53.73 करोड़ रुपये तक पहुंच गई।
एच एंड यूडीविभाग ने 17 सितम्बर के पत्र में कहा कि कटक डेवलपमेंट अथॉरिटी (सीडीए) पूरे खर्च को वहन नहीं कर सकती। विभाग ने यह भी स्पष्ट किया कि निगरानी और ट्रैफिक सिग्नल प्रणाली गृह विभाग के अधीन आती हैं और इस परियोजना के लिए वित्तीय मंजूरी गृह विभाग से प्राप्त की जानी चाहिए। सीडीए ने पुष्टि की है कि जब धन जारी होगा, तो चयनित एजेंसी के साथ कार्य आगे बढ़ाया जाएगा।
परियोजना की वर्तमान स्थिति और कार्यान्वयन
प्रारंभिक अनुमोदन के बाद, सीडीए ने निविदाएं आमंत्रित की और इंडियन टेलीफोन इंडस्ट्रीज लिमिटेड, कोलकाता को ठेका दिया और 17 जून को समझौते पर हस्ताक्षर किए। सीडीए के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड से पहले ही 26.86 करोड़ रुपये का अग्रिम भुगतान किया जा चुका है। स्थापना कार्य 10 स्थानों पर शुरू हो चुका है, जिसमें 107 सीसीटीवी स्थल और 30 ट्रैफिक सिग्नल पॉइंट शामिल हैं।
सीडीए की ओर से अतिरिक्त धन की मांग के बाद निर्देश
न्यायालय के निर्देश सीडीए की ओर से अतिरिक्त धन की मांग के बाद आए हैं, ताकि डीसीपी के विस्तारित निगरानी प्रस्ताव को लागू किया जा सके। अब मामला गृह विभाग के औपचारिक उत्तर का इंतजार कर रहा है, जो यह तय करेगा कि परियोजना बिना विलंब के आगे बढ़ सकती है या नहीं।