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15 महीनों में 199 अफसर रंगेहाथ पकड़े गए
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अनुपातहीन संपत्ति के 202 करोड़ जब्त
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3,661 मामले अब भी कोर्ट में लंबित
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विधानसभा में मुख्यमंत्री मोहन माझी ने जानकारी दी
भुवनेश्वर। ओडिशा में नई भाजपा सरकार के कार्यकाल में भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम तेज हो गई है। विधानसभा में मुख्यमंत्री मोहन माझी ने जानकारी दी कि बीते 15 महीनों में सतर्कता विभाग (विजिलेंस) ने 199 सरकारी अधिकारियों को रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के मामलों में पकड़ा है।
रिश्वत और संपत्ति के कई मामले दर्ज
इस अवधि में 77 मामले अनुपातहीन संपत्ति के और 122 रिश्वतखोरी के दर्ज किए गए। अब तक अधिकारियों की आय से अधिक 202 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई है।
मुख्यमंत्री ने विधायक तंकधर त्रिपाठी के प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि पिछले पांच वर्षों में 722 मामले अब भी जांच के अधीन हैं, जबकि 3,661 भ्रष्टाचार के मामले विभिन्न अदालतों में विचाराधीन हैं।
निचले से लेकर ऊपरी स्तर तक कार्रवाई
सतर्कता की कार्रवाई केवल निचले स्तर के कर्मचारियों तक सीमित नहीं रही। इसमें क्लर्क से लेकर ओडिशा प्रशासनिक सेवा (ओएएस) और यहां तक कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारियों तक पर शिकंजा कसा गया। लगातार हो रही छापेमारी और कानूनी कार्रवाई से कई संदिग्ध अधिकारियों में खलबली मची हुई है।
सरकार को भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं
सरकार ने साफ संकेत दिया है कि भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सतर्कता विभाग की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की कठोर कार्रवाई से भ्रष्ट अधिकारियों में भय का माहौल बनेगा और अन्य कर्मचारियों को भी गलत रास्ते से दूर रहने की चेतावनी मिलेगी।
भ्रष्टाचार विरोधी एजेंडे को और मजबूती
ओडिशा सरकार ने दोहराया है कि सुशासन और साफ-सुथरे प्रशासन के लिए उसकी प्रतिबद्धता अटूट है। आने वाले दिनों में भी सतर्कता विभाग भ्रष्टाचार विरोधी एजेंडे को और मजबूती देगा।