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ओडिशा विधानसभा सोमवार तक स्थगित
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भाजपा ने लगाया सत्र रोकने का आरोप
भुवनेश्वर। ओडिशा विधानसभा का मानसून सत्र शनिवार को भी भारी हंगामे की भेंट चढ़ गया। कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी शोर-शराबे और नारेबाजी के कारण सदन की कार्यवाही पूरी तरह ठप हो गई। बार-बार अव्यवस्था के चलते सभापति ने विधानसभा को सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया।
खबरों के मुताबिक, बीजद विधायकों ने खाद संकट को लेकर सदन के भीतर विरोध प्रदर्शन किया और नारे लगाए। स्थिति तब और बिगड़ गई जब विधायक स्पीकर की कुर्सी तक पहुंच गए और जोरदार हंगामा किया। शोरगुल के बीच पहले कार्यवाही शाम 4 बजे तक स्थगित की गई, लेकिन दोबारा शुरू होते ही फिर से अव्यवस्था फैल गई और अंततः सदन को सोमवार तक स्थगित करना पड़ा।
भाजपा विधायक जय नारायण मिश्र ने आरोप लगाया कि बीजद जानबूझकर सदन की कार्यवाही रोक रही है क्योंकि नेता प्रतिपक्ष नवीन पटनायक बीमार होने की वजह से सदन में मौजूद नहीं हैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा जनता के पैसों से चलती है, लेकिन ये लोग इसे ठप कर रहे हैं।
वहीं, विपक्ष की मुख्य सचेतक प्रमिला मल्लिक ने पलटवार करते हुए कहा कि यदि बीजद गंभीर नहीं होती तो किसानों की समस्या और खाद संकट को लेकर बार-बार चर्चा की मांग क्यों करती। उन्होंने कहा कि हमने कई बार स्पीकर से किसानों के मुद्दों पर चर्चा कराने का अनुरोध किया है। किसानों की समस्याओं को हल करने के लिए ही हम कार्यक्रम रोकने और तत्काल चर्चा की मांग कर रहे हैं।
आज सुबह 10:30 बजे सदन की कार्यवाही शुरू हुई। सबसे पहले पूर्व विधायक जॉर्ज तिर्की के निधन पर शोक प्रस्ताव पर चर्चा कर प्रस्ताव पारित किया गया। इसके बाद जैसे ही प्रश्नकाल आरंभ हुआ, सभापति ने मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन को एक प्रश्न का उत्तर देने के लिए आमंत्रित किया। मंत्री ने उत्तर पढ़ना शुरू ही किया था कि बीजद विधायक हाथों में बैनर और तख्तियां लेकर सदन के बीचोंबीच आ गए और नारेबाजी शुरू कर दी। वे सरकार पर किसानों के साथ अन्याय और खाद की कालाबाजारी रोकने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए “किसान विरोधी सरकार चलने नहीं देंगे” जैसे नारे लगा रहे थे।
कांग्रेस विधायकों ने भी अपने स्थानों से खड़े थे। हंगामे के बीच मंत्री का उत्तर प्रेस गैलरी तक स्पष्ट सुनाई नहीं दे पाया। सभापति ने बार-बार विधायकों से अपनी सीटों पर लौटकर कार्यवाही चलने देने की अपील की, लेकिन विपक्षी विधायक माने नहीं और शोर-शराबा जारी रखा।
लगातार हंगामे के चलते सभापति ने सुबह 10:43 बजे से सदन की कार्यवाही अपराह्न 4 बजे तक स्थगित कर दी। नतीजतन आज प्रश्नकाल, शून्यकाल और अन्य निर्धारित कार्यक्रम नहीं हो सके।
तिर्की के निधन पर शोक प्रस्ताव पारित
पूर्व विधायक जॉर्ज तिर्की के निधन पर आज ओडिशा विधानसभा में शोक प्रस्ताव पारित किया गया। निर्धारित समय पर सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सभापति सुरमा पाढ़ी ने मुख्यमंत्री एवं सदन के नेता मोहन माझी को शोक प्रस्ताव लाने के लिए आमंत्रित किया। मुख्यमंत्री माझी ने प्रस्ताव रखते हुए कहा कि जॉर्ज तिर्की बीरमित्रपुर विधानसभा क्षेत्र से चार बार विधायक रहे। उन्हें तिर्की के साथ कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ था। इसके बाद विपक्ष के उपनेता प्रसन्न आचार्य, कांग्रेस विधायक दल के नेता रामचंद्र कडाम तथा माकपा विधायक लक्ष्मण मुंडा ने भी शोक प्रस्ताव का समर्थन किया।
दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना
सभापति ने दिवंगत नेता के जीवन एवं योगदान पर प्रकाश डालते हुए सदन को एक मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करने का आग्रह किया। साथ ही उन्होंने कहा कि सदन की ओर से शोक संदेश शोक संतप्त परिवार तक पहुंचाया जाएगा। तत्पश्चात शोक प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया।