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देश में इसे अपनाने वाला पहला राज्य बना
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नेशनल डेटा आर्काइव की शुरुआत भी हुई
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विश्व बैंक के सहयोग से आंकड़ा प्रणाली में शुरू किया बड़ा बदलाव
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आंकड़ों को बनाया जाएगा परिवर्तन का आधार
भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार ने विश्व बैंक के सहयोग से राज्य की सांख्यिकीय प्रणाली को मजबूत करने की दिशा में नया कदम बढ़ाया है। ओडिशा देश का पहला राज्य बन गया है जिसने “जेनेरिक स्टैटिस्टिकल बिजनेस प्रोसेस मॉडल (जीएसबीपीएम)” को औपचारिक रूप से अपनाया है। साथ ही “नेशनल डेटा आर्काइव (एनएडीए)” की शुरुआत कर ओडिशा ने आंकड़ों के संग्रह, पहुंच और विश्लेषण को आम नागरिकों, शोधकर्ताओं और नीति-निर्माताओं के लिए सहज बना दिया है।
योजना एवं समन्वय विभाग की ओर से आयोजित बैठक में “ओडिशा स्टेट कैपेबिलिटी एंड रेजिलिएंट ग्रोथ” कार्यक्रम के अंतर्गत चल रहे “स्टेट स्टैटिस्टिकल सिस्टम सुदृढ़ीकरण परियोजना” की प्रगति पर चर्चा हुई। बैठक की अध्यक्षता विकास आयुक्त-सह-अतिरिक्त मुख्य सचिव अनु गर्ग ने की।
बैठक में गर्ग ने कहा कि ओडिशा सरकार आंकड़ों को केवल तकनीकी पहलू नहीं मानती, बल्कि इसे रणनीतिक रूप से “विकसित ओडिशा 2036 और 2047” की आकांक्षाओं से जोड़कर देख रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि आंकड़े नीतियों का मार्गदर्शन करेंगे और प्रगति को ठोस प्रभाव के आधार पर मापा जाएगा।
आंकड़ा संग्रहण में नई तकनीक
राज्य ने मूल्य सांख्यिकी के अंतर्गत आंकड़ा संग्रह के लिए “कंप्यूटर असिस्टेड पर्सनल इंटरव्यू” सॉफ्टवेयर की शुरुआत की है। इसके अलावा “सर्वे डिज़ाइन एंड रिसर्च डिवीजन” की स्थापना का प्रस्ताव है, जिससे वैज्ञानिक ढंग से परिवार आधारित सर्वेक्षण कर विश्वसनीय आंकड़े जुटाए जा सकेंगे।
जिला स्तर पर आर्थिक योजना को बढ़ावा
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि जिला घरेलू उत्पाद (डीडीपी) के आकलन की गति तेज की जाएगी। विशेषज्ञों की मदद से जिला स्तर पर बेहतर नीति निर्माण की दिशा में पहल होगी। साथ ही, निदेशालय के आंकड़ा प्रकाशन को पूर्ण रूप से डिजिटल रूप में बदलकर समयबद्ध और पारदर्शी बनाया जाएगा।
विभागीय आंकड़ा प्रणाली होगी सुदृढ़
प्रारंभिक चरण में ऊर्जा विभाग, पर्यटन विभाग और आवास एवं शहरी विकास विभाग की सांख्यिकीय प्रणाली का मूल्यांकन कर उसे और मज़बूत बनाने का प्रस्ताव रखा गया है। इसके अलावा, राज्य के अधिकारी अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं पर प्रशिक्षण लेकर वापस लौटेंगे और अन्य साथियों को प्रशिक्षित करेंगे। बैठक के अंत में यह संकल्प दोहराया गया कि ओडिशा सरकार आंकड़ों को अधिक सुलभ, पारदर्शी और उपयोगी बनाकर शासन व विकास की दिशा में बड़े बदलाव की राह खोलेगी।